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चीन चिंचियाता रहा और 14000 फीट ऊंचाई पर बन गया ब्रिज

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नई दिल्ली: अक्साई चीन के बेहद नजदीक तक भारतीय फौज के टैंक आसानी से पहुंच सकेंगे। बॉर्डर रोड ऑर्गनाईजेशन (बीआरओ) ने डीएस-डीबीओ रोड (दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड) पर 14 हजार फीट की ऊंचाई पर 120 मीटर लंबा क्लास 70 श्योक ब्रिज बनाया है। यह ब्रिज सामरिक महत्व का है क्योंकि इससे बॉर्डर पर तैनात फौज तक रसद आसानी से पहुंचायी जा सकती है साथ ही सैन्य साजोसामान पहुंचाने में भी सुविधा होगी। क्लास 70 ब्रिज का मतलब है कि इस ब्रिज से 70 टन वजन एक साथ गुजर सकता है। इस ब्रिज के बनने से सेना को अपने टैंक और दूसरे सैन्य साजो सामान बॉर्डर तक पहुंचाना आसान होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ब्रिज का उद्घाटन किया।

चीन ने जताई थी आपत्ति लेकिन भारत ने एक न सुनी

256 किलोमीटर लंबी डीएस-डीबीओ रोड लेह से अक्साई चीन की सीमा से लगे दौलत बेग ओल्डी तक जाती है। यह चीन की सीमा से करीब 10 किलोमीटर की दूरी तक फौज की कनेक्टिविटी बनाती है। सामरिक रूप से यह भारत की स्थिति की मजबूत करती है, इसलिए जब इस सड़क का निर्माण हो रहा था तो चीन ने आपत्ति जताई थी। चीन ने आक्रामक रुख भी दिखाया था, लेकिन भारत ने इसका काम जारी रखा और पूरा किया। अब इसी रोड पर एक ब्रिज बनाया गया है जिससे फौज के मूवमेंट में आसानी होगी।

तेजी से मजबूत हो रहीं रक्षा तैयारियां
इस ब्रिज के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बॉर्डर पर बने नए 45 ब्रिज, 27 सड़कें, दो हेलिपैड और एक कार्बन न्यूट्रल हेबिटेट को देश को समर्पित किया। बॉर्डर रोड ऑर्गनाजेशन ने ये इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाए हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर में 20, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में 18-18, उत्तराखंड में पांच, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में 14 प्रोजेक्ट हैं। इनका निर्माण रेकॉर्ड वक्त में 2180 करोड़ रुपये की लागत से किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत करेंगी और सीमावर्ती क्षेत्रों का आर्थिक विकास सुनिश्चित करेंगी।

बीआरओ की भूमिका की वाहवाही
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा, ‘एक साथ इतनी बड़ी संख्या में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन होना अपने आप में एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड है। ये सभी निर्माण कार्य नए भारत को प्रकृति के रास्ते पर तेजी से आगे ले जाने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे, ऐसा मेरा पक्का विश्वास है। मेरा पक्का विश्वास है कि देश जब एक नई ऊर्जा, नई सोच और उत्साह के साथ नई यात्रा शुरू कर रहा है तो निश्चित यह दुनिया में अपना एक नया स्थान प्राप्त करके रहेगा।’ उन्होंने कहा कि देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाने में BRO की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। उन्होंने कहा, ‘अपनी शुरुआत से ही दूर-दराज के इलाकों में सड़क, टनल और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर राष्ट्र के प्रगति में BRO अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का लगातार निर्वाह कर रहा है लेकिन पिछले 6-7 सालों में BRO ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं वो अपने आप में अभूतपूर्व हैं।’

वायुसेना की संचाल क्षमता में होगा विस्तार
बहरहाल, जिन परियोजनाओं को रक्षा मंत्री ने देश को समर्पित किया, उनमें पूर्वी लद्दाख में हानले और थाकुंग में दो हेलिपैड भी हैं। इनसे भारतीय वायुसेना की संचालन क्षमता बढ़ेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक जम्मू-कश्मीर में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास की कमी केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के पनपने के कारणों में से एक थी। इन आंतरिक अवरोधों की वजह से पर्यटकों की संख्या में भी गिरावट आई, जिसने लद्दाख के साथ-साथ पूरे देश को भी प्रभावित किया। अब सरकार के प्रयासों के कारण इस क्षेत्र में शांति और प्रगति की नई शुरुआत देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी दूरदराज के क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जाएगा।(साभार एन बी टी)

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