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अवैध हथियारों के जखीरे पर बैठी है दिल्ली, हिंसा में जमकर हुआ इस्तेमाल

Crime

नई दिल्ली

दिल्ली में भड़की हिंसा के दौरान जमकर अवैध हथियारों का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पांच सौ राउंड से ज्यादा गोलियां चली हैं। उपद्रव में इतनी बड़ी संख्या में अवैध असलहों के इस्तेमाल से पुलिस भी परेशान है। आला पुलिस अधिकारी अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले और इलाके के आपराधिक छवि वाले बदमाशों की तलाश में जुट गए हैं

पुलिस के अनुसार, दिल्ली हिंसा में पिस्टल और देशी तमंचों का जमकर इस्तेमाल किया गया। जगह-जगह पुलिस को कारतूस के खोखे मिल रहे हैं जिन्हें जांच के लिए जुटाया जा रहा है। आला पुलिस अफसरों का कहना है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में बड़े पैमाने पर अवैध हथियारों की खेप होने की आशंका है। देश की राजधानी में इतनी बड़ी संख्या में गोलीबारी की यह पहली घटना है। इससे पहले 1984 के सिख दंगे और 1992 में हुए दंगों में गोलीबारी की घटनाएं कम थीं।

खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट
दिल्ली पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त अजयराज शर्मा अवैध हथियारों के प्रयोग में वृद्धि की बात मानते हैं। उन्होंने कहा कि आसानी से इन हथियारों की उपलब्धता इसकी एक प्रमुख वजह है। वहीं, कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें हथियारों का लाइसेंस नहीं मिलता है। ऐसे में ये लोग अवैध तौर पर इसे हासिल कर लेते हैं। वहीं, राजधानी में हुई हिंसा में हुई गोलीबारी की घटनाओं के बाद से खुफिया एजेंसी भी अलर्ट हो गई हैं।

लाइसेंस जारी होने में 49 फीसदी की कमी आई
दिल्ली पुलिस का लाइसेसिंग विभाग लगातार जारी होने वाले हथियारों के लाइसेंस की संख्या में कमी करता जा रहा है। वर्ष 2011 में 1174 लाइसेंस विभिन्न प्रकार के हथियारों के जारी किए गए थे लेकिन यह आंकड़ा 2018 में घटकर 574 रहा गया।इनका इस्तेमाल हुआ
जांच के दौरान 0.32 मिलीमीटर, 0.9 मिलीमीटर पिस्टल .12 मिलीमीटर और 0.315 मिलीमीटर कैलिबर के कारतूस के खोखे बरामद हुए। पुलिस और सीएफएल की टीम इनकी जांच कर रही है। पिस्टल और देशी तमंचे से घायल हुए लोग बड़ी संख्या में अस्पतालों में पहुंचे हैं। जांच टीम मौके से साक्ष्य जुटाने में लगी है।
बरगलाया गया पुलिस को
आशंका है कि दिल्ली में हिंसा के दौरान इलाके के बदमाशों ने भी लोगों को अवैध हथियार उपलब्ध कराए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मानें तो इन इलाकों में अपराधी किस्म के लोगों ने बेरोजगार युवकों को बरगलाकर उन्हें अवैध हथियार थमा दिए। इस कारण भी फायरिंग के मामले बढ़े।
गैंगवार प्रभावित इलाके
स्पेशल सेल से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अवैध हथियारों की खपत मुख्य तौर पर दिल्ली के बाहरी इलाकों में अधिक होती है। खासतौर पर गैंगवार से प्रभावित इलाके में। इसमें नजफगढ़, बवाना-कंझावला-अलीपुर एवं यमुनापार के इलाके शामिल हैं। यहां सक्रिय आपराधिक गिरोहों के पास अवैध हथियार उपलब्ध हैं। इनसे ही छोटे-मोटे बदमाश पिस्टल आदि खरीदते हैं।
हथियारों की बरामदगी बढ़ी
आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में हथियारों की बरामदगी वर्ष 2016 से 2017 के बीच 53 फीसदी तक बढ़ी है। 2016 में 902, 2017 में 1381 और 2018 में 1905 अवैध हथियार बरामद किए गए थे। पूर्व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक चांद कहते हैं कि अवैध हथियारों के बढ़ने का बड़ा कारण दिल्ली का दूसरे राज्यों की सीमा से सटा होना है। इन इलाकों में आसानी से अवैध हथियार पहुंच जाते हैं। दिल्ली में भिंड, मुंगेर और मेरठ से हथियार लाए जाते हैं।(साभार लाइव हिन्दू्स्तान)

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