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छपरा में अटक गया काशी से चला गंगा विलास क्रूज

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छपरा: वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुआ गंगा विलास क्रूज सोमवार को बिहार के छपरा पहुंचा। ये जिले के डोरीगंज इलाके पहुंचा तो वहां नदी में पानी कम था। ऐसे में क्रूज घाट पर नहीं पहुंच सका, जिसके बाद प्रशासन तुरंत अलर्ट हुआ। एसडीआरएफ की टीम छोटी नाव के जरिए सैलानियों को चिरांद ले गई। यहां सैलानियों चिरांद के पुरातात्विक महत्व को देखा। दरअसल, पानी कम होने के कारण नाव को किनारे पर नहीं लाने का निर्णय लिया गया था, लिहाजा क्रूज नदी में ही रोक दिया गया था। एक छोटे जहाज के माध्यम से पर्यटकों को चिरांद लाया गया, जहां उन्होंने पुरातात्विक धरोहरों का मुआयना किया। छपरा के एक अफसर ने कहा कि क्रूज के फंसने जैसी कोई बात नहीं है। किनारे पर पानी कम होने के चलते एहतियातन क्रूज को बीच नदी में ही रोक दिया गया और छोटी नाव की मदद से पर्यटकों को किनारे पर लाया गया।

सैलानियों ने चिरांद का किया दौरा

छपरा से 11 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में डोरीगंज बाजार के पास स्थित चिरांद सारण जिले का सबसे महत्वपूर्ण पुरातत्व स्थल है। घाघरा नदी के किनारे बने स्तूपनुमा भराव को हिंदू, बौद्ध और मुस्लिम प्रभाव और उतार-चढ़ाव से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि, छपरा में जैसे ही गंगा विलास क्रूज पहुंचा नदी में पानी कम होने की वजह से किनारे पहुंचने परेशानी होने लगी। यहां गंगा नदी में कम पानी कम होने पर सैलानियों को छोटी बोट से चिरांग लाया गया। इसके लिए एसडीआरएफ की टीम एक्टिव नजर आई।

नदी में कम पानी के चलते घाट पर नहीं आया गंगा विलास क्रूज

चिरांद छपरा का अहम पुरातत्व स्थल है, भारत में यह नव पाषाण काल का पहला ज्ञात स्थल है। चिरांद में सैलानियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। घाट पर एसडीआरएफ की टीम तैनात रही ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति पर तुरंत एक्शन लिया जा सके। पानी कम होने के कारण क्रूज को किनारे लाने में दिक्कत हो रही थी। लिहाजा छोटे नाव के जरिए सैलानियों को छपरा लाया गया।

गंगा विलास क्रूज भारत में बना पहला जलयान

इससे पहले जब गंगा विलास क्रूज बक्सर पहुंचा तो वहां ढोल-नगाड़े से सैलानियों का भव्य स्वागत किया गया। इस क्रूज पर देसी और विदेशी मिलाकर कुल 31 सैलानी सवार हैं। सुरक्षा-व्यवस्था के बीच बक्सर शहर में घूमने के लिए सैलानी गए और फिर वापस लौट कर क्रूज पर चले आए। भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की मानें तो गंगा विलास भारत में निर्मित पहला जलयान है। ये आधुनिक सुविधाओं से लैस और पूरी तरह से सुरक्षित है।

जानिए गंगा विलास क्रूज की खास बातें

गंगा विलास क्रूज में खास बातें भी हैं। इसकी स्पीड अपस्ट्रीम में 12 किलोमीटर प्रति घंटा और डाउनस्ट्रीम 20 किलोमीटर तक है। पीने के पानी को लेकर क्रूज में आरओे सिस्टम है, इसके साथ ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी है। क्रूज में लोगों की सहूलियत को लेकर और उनकी जरूरत की तमाम जरूरी सुविधाएं मौजूद है। किराये की बात करें तो भारत में इसका किराय एक दिन का 25 हजार रुपये है। वहीं बांग्लादेश में 50 हजार रुपये एक दिन का किराया रखा गया है।(साभार एन बी टी)

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