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सेमीकंडक्टर बनाने में आत्मनिर्भर बनेगा भारत

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नई दिल्ली

सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड के मामले में देश अब आत्मनिर्भर बनेगा। दरअसल, इसके मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएलआई योजना को मंजूरी दी है। सरकार को इस योजना के तहत अगले 5-6 वर्षों में 76,000 करोड़ रुपये  (10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) के निवेश का अनुमान है।

आपको यहां बता दें कि भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड आयात किया जाता है। भारत आयात के लिए मुख्यतौर पर चीन पर निर्भर है। अब सरकार के ताजा फैसले से चीन पर से निर्भरता कम हो जाएगी।

क्या है सरकार का प्लान: दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस फैसले से माइक्रोचिप के डिजाइन, विनिर्माण, पैकिंग और परीक्षण में मदद मिलेगी। वहीं, एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा। अश्विनी वैष्णव के मुताबिक भारत के करीब 20 फीसदी इंजीनियर्स सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में हैं।

इस संख्या को बढ़ाने के लिए 85 हज़ार हाइली क्वालिफाइड, वेल ट्रेंड इंजीनियर के लिए ‘चिप्स टू स्टार्टअप’ प्रोग्राम बनाया गया है। जिसमें बी-टेक, एम-टेक, पीएचडी इंजीनियर्स को तैयार किया जाएगा। आपको बता दें कि सेमीकंडक्टर का मुख्यतौर पर कार में इस्तेमाल होता है। यही वजह है कि सेमीकंडक्टर के शॉर्टेज की वजह से कार की बिक्री भी प्रभावित हुई थी।(साभार लाइव हिन्दुस्तान)

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