मीडिया मुग़ल

वॉट एन आइडिया… गुल्लक की खनक से बढ़ाई शिक्षा की चमक

Breaking News

आगरा: गुल्लक के बारे में आपने, हमने, हम सबने जरूर सुना होगा। देखा होगा। उपयोग किया होगा। अमूमन मिट्‌टी के खिलौने बचपन में प्रयोग के दौरान टूट जाया करते थे। लेकिन, गुल्लक तोड़ी जाती थी। जब टूटती थी तो उम्मीद के साथ। जरूरतें पूरी होंगी। कुछ अपनी, कुछ अपनों की। मुसीबत के समय में ही गुल्लक को तोड़ा जाता था। गुल्लक टूटकर सुख दे जाता था। कुछ ऐसा ही सुख आगरा के बच्चों में भरने की कोशिश की राधा कृष्ण इंटर कॉलेज ने। तब कोरोना काल था। लोगों की नौकरियां जा रही थी। कमाई कम हो गई थी। मार सबसे अधिक गरीबों पर पड़ रही थी। ऐसे में परिस्थिति का सबसे बड़ा शिकार बच्चे होते जा रहे थे। ऐसे बच्चों के लिए उम्मीद बनकर आया गुल्लक मैनेजमेंट। जरूरतें पूरी करने वाला। शिक्षा की लौ को जलाए रखने वाला।

हम बात कर रहे हैं आगरा के खंदारी स्थित राधा कृष्ण इंटर कॉलेज के गुल्लक मैनेजमेंट की। संस्थान ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई, जिसने न केवल कोरोना काल में गरीब और जरूरतमंद बच्चों की मदद की। बल्कि आज भी गरीब परिवार के बच्चों के लिए यह सिस्टम वरदान बना हुआ है। मकसद अगर कुछ बेहतर करने का हो तो उसकी गूंज दूर तक सुनाई देती है। देर तक सुनाई देती है। गुल्ल्क मैनेजमेंट ने इसे साबित कर दिया है। इंटर कॉलेज के प्राचार्य और कर्मचारियों ने मिलकर गुल्लक खरीदे। उन पर नंबरिंग की गई। इससे गरीब और जरूरतमंद परिवार के बच्चों को टैग किया गया। सारी प्रक्रिया गोपनीय। ताकि, उन बच्चों में किसी प्रकार की हीन भावना न आए। आज यह सिस्टम बच्चों ही नहीं, अभिभावकों के बीच भी खासा लोकप्रिय हो गया है।

कुछ ऐसे होता है गुल्लक मैनेजमेंट
इस कार्यक्रम को गुल्लक मैनेजमेंट का नाम इसकी यूनिकनेस के कारण दिया गया है। प्रत्येक गरीब और जरूरतमंद छात्र-छात्राओं के लिए एक गुल्लक रखा गया है। इन गुल्लकों पर नंबरिंग की गई है। इन नंबरों से लाभुक विद्यार्थी को टैग किया गया है। हालांकि, उन्हें यह जानकारी नहीं होती है कि उनके नाम का कौन सा गुल्लक है। वहीं, अन्य छात्रों को भी नहीं पता होता है कि किस छात्रा के लिए यह गुल्लक रखा गया है। प्राचार्य के स्तर पर पूरा मैनेजमेंट किया जाता है। प्राचार्य स्वयं गरीब छात्र-छात्राओं के संपर्क में रहते हैं।

छात्र-छात्राओं को किसी प्रकार की जरूरत होती है तो वे प्राचार्य को इसकी जानकारी देते हैं। प्राचार्य उनके नंबर का गुल्लक फोड़ते हैं। उसमें से निकली राशि से जरूरतमंद बच्चे की मदद की जाती है। जरूरत से अधिक राशि मिलने की स्थिति में उसे बैंक करके रखा जाता है और अगली बार जरूरत पड़ने पर संबंधित विद्यार्थी को उपलब्ध कराया जाता है। राशि कम होने की स्थिति में दूसरे छात्र के गुल्लक में आई अधिक राशि से लोन भी ट्रांसफर की जाती है। इसी कारण इसे मैनेजमेंट भी कहा जा रहा है।

90 से अधिक छात्रों को मिल चुकी है मदद
कॉलेज के गुल्लक मैनेजमेंट का लाभ अब तक 90 छात्रों को मिल चुका है। 10 गुल्लक से वर्ष 2020 में अभियान की शुरुआत की गई थी। इंटर कॉलेज के प्राचार्य सोमदेव सारस्वत कहते हैं कि जब अभियान शुरू किया था तो उन बच्चे चेहरे आंखों के सामने थे, जिनके अभिभावक स्कूल भेजने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे बच्चों को फीस भरने, किताब और ड्रेस खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। उन्हें गुल्लक के जरिए मदद पहुंचाई गई। इस मदद ने बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखा। स्कूल अब उन्हें अपना लगने लगा है। वे क्लास में नियमित आते हैं। प्रिंसिपल ने बताया कि सबसे बच्चे मजदूरी करने वाले अभिभावकों के बच्चों के लिए गुल्लक तोड़ी गई थी। लॉकडाउन के समय उनका काम बंद हो गया था।

अभी टेबल पर 18 गुल्लक
इंटर कॉलेज में बरामदे पर एक टेबल पर 18 गुल्लक रखे गए हैं। इसमें छात्र और बाहर से आने वाले लोग पैसे डालते हैं। शिक्षक और कर्मचारी भी अपना योगदान देते हैं। प्राचार्य ने बताया कि इस सिस्टम के तहत कौन छात्र लाभुक हैं, इसकी जानकारी केवल मेरे पास है। अधिक लोगों के पास जानकारी होने से बच्चों को परेशान किया जा सकता है। उनके अंदर भी हीन भावना आएगी। इस प्रकार की स्थिति से बचाने और बच्चों को केवल पढ़ाई पर फोकस कराने के लिए बंद कमरे में गुल्लक तोड़कर उनके जरूरत के हिसाब से राशि उपलब्ध कराई जाती है।

स्कूल में गुल्लक सिस्टम में पहले लोगों का रुझान अधिक नहीं था। लेकिन, धीरे-धीरे यह प्रचलित होने लगा। अब स्कूल के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी तक इसमें मदद करते हैं। बाहर से आने वाले लोग भी इन गुल्लक में पैसा डाल जाते हैं। असर बढ़ने का ही परिणाम है कि बच्चे कई बार अपनी जेब खर्च की राशि भी गुल्लक में डाल जाते हैं। इससे मुहिम बढ़ रही है। प्राचार्य कहते हैं कि इससे अधिक बच्चों को मदद पहुंचाई जा सकेगी। स्कूल की इस स्कीम को अब शहर के अन्य स्कूलों में भी लागू करने पर विचार किया जा रहा है।(साभार एन बी टी)

Related posts

नेपाली PM ने BJP मुख्‍यालय जाकर रचा इतिहास, मचा बवाल तो देनी पड़ी सफाई

sayyed ameen

कोरोना वेक्सीन का ऐसा विरोध! 8600 लोगों को लगाया फर्जी इंजेक्शन

sayyed ameen

एक्सीडेंट पर लगेगी लगाम, सरकार ड्राइवरों के लिए करने जा रही यह काम

sayyed ameen