नई दिल्ली
यस बैंक के ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर है। 50,000 से ऊपर के लेन-देन पर लगी पाबंदी 18 मार्च यानी बुधवार शाम 6 बजे से हटा ली जाएगी। कोरोना वायरस महामारी के कारण बाजार में लगातार जारी गिरावट और अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, मैं आपके माध्यम से YesBank के जमाकर्ताओं को बताना चाहूंगा कि उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है और चिंता की कोई बात नहीं है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कोरोना की महामारी से भारत भी जूझ रहा है। 100 से अधिक केस पाए जा चुके हैं। सरकार इससे पार पाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। COVID19 व्यापार के मोर्चे पर भारत को सीधे प्रभावित कर सकता है, जिसमें चीन का जोखिम बहुत अधिक है। वहीं पर्यटन, एयरलाइंस, आतिथ्य उद्योग, घरेलू व्यापार और ट्रांसपोर्टर जैसे क्षेत्र नुकसान झेल रहे हैं। कोरोना की वजह से विदेशी और घरेलू शेयर बाजार तबाह हो रहे हैं। विदेशी मुद्रा और बॉन्ड बाजार भी नुकसान झेल रहे हैं।
दास ने कहा, ” जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था का संबंध है, भारत ग्लोबल वैल्यू चेन से अपेक्षाकृत अछूता है, इस हद तक भारत पर प्रभाव कम होगा, लेकिन भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एकीकृत है, इसलिए कुछ प्रभाव पड़ेगा। हम उसका मूल्यांकन कर रहे हैं और हम पॉलिसी मीटिंग के बाद इसकी घोषणा करेंगे।”
बता दें केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर शाम यस बैंक की पुनर्गठन योजना 2020 को अधिसूचित कर दिया था। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यस बैंक को 3 अप्रैल तक के लिए मोराटोरियम में डाल दिया था। आरबीआई ने बैंक से अधिकतम निकासी सीमा एक महीने में 50000 रुपये तय कर दी थी।
पुनर्गठन योजना के तहत एसबीआई तीन साल तक बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 26% से कम नहीं कर सकती, जबकि बैंक अन्य निवेशक तथा मौजूदा शेयरधारकों के 75% निवेश के लिए तीन साल का एक लॉक इन पीरियड होगा। हालांकि, 100 से कम शेयर रखने वाले शेयरधारकों पर लॉक इन पीरियड का नियम लागू नहीं होगा।(साभार लाइव हिंदुस्तान)