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मोबाइल एप रोकेगा अस्पतालों में गैर जरूरी टेस्ट

Fitness and Health

मोबाइल एप से अब पता चल जाएगा कि किस बीमारी के लिए कौन सा लैब टेस्ट या स्कैन कराना जरूरी है। इससे अस्पतालों की मनमानी रुकेगी और गैर जरूरी टेस्ट नहीं कराना पड़ेगा। नीति आयोग इस एप के लिए सभी बीमारियों की सूची बना रहा है। सूची में इलाज का रोडमैप होगा। साथ ही उस बीमारी से जुड़े किस तरह के मेडिकल टेस्ट कराए जाएं, इससे जुड़ी पूरी जानकारी होगी।

नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बताया कि तमाम अस्पताल मरीजों के गैर जरूरी टेस्ट कराते हैं। इसमें काफी पैसा खर्च होता है। मोबाइल एप से कोई भी यह जान सकेगा कि कहीं उसकी बीमारी से जुड़े गैर जरूरी टेस्ट तो नहीं किए जा रहे हैं। इन गाइडलाइंस में ये तय किया जाएगा कि किस बीमारी के लिए अल्ट्रासाउंड जरूरी है और किन बीमारियों के लिए सीटी स्कैन कराना है। अगर किसी बीमारी में सीटी स्कैन जरूरी नहीं है और अस्पताल या डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की जगह सीटी स्कैन कराता है तो वो गलत है। इलाज के नाम पर लूटा नहीं जा सकता।
अल्ट्रासाउंड की जगह सीटी स्कैन नहीं

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना का भुगतान इसी लिस्ट के आधार पर होगा। अगर किसी बीमारी के इलाज की गाइडलाइन में सिर्फ अल्ट्रासाउंड बताया गया है लेकिन अस्पताल ने सीटी स्कैन कराया है तो सरकार, अस्पताल को सीटी स्कैन का भुगतान नहीं करेगी।

मनमाना बिल बढ़ाना वजह बना

नीति आयोग को अंदेशा है कि आयुष्मान भारत योजना का फायदा उठाकर, गैर जरूरी टेस्ट कर मरीजों का बिल बढ़ाया जा सकता है। आयोग को इनपुट मिला है कि अस्पताल पहुंचने पर मरीज के कई ऐसे भी टेस्ट करा दिए जाते हैं जिनका बीमारी से संबंध नहीं है। इसे रोकने के लिए यह प्रावधान किया जा रहा है। सूची सभी अस्पतालों को भी भेजी जाएगी।

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