मीडिया मुग़ल

पेंड्रा इलाके में हाथियों की बड़ी महफ़िल खामोश क्यूँ हैं… नन्हा मेहमान तो नहीं आने वाला है…

Breaking News

0 खोडरी के जंगल में भरपूर चारा और पानी

0 बड़ा गजदल सम्भवतः प्रसव के लिए आया

0 सुस्त जंगल महकमा का चैन हराम हुआ

बिलासपुर। कोई डेढ़-दो बरस बाद हाथियों का एक बड़ा दल पेंड्रा के जंगलों में अपना डेरा जमा लिया है, इससे आरामतलब हो चुके जंगल महकमे की नींद हराम हो गई है।हर रैंक का वन अमला हाथियों की टोह लेने जंगल की ख़ाक छानते हुए उन पर नज़र रख रहा है लेकिन हाथी है कि टरकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।सूत्र बताते हैं कि हाथी अभी जायेंगे नहीं उनके दल में कोई मादा गर्भवती हैं और दल खोडरी के सुरक्षित जंगल में बच्चा पैदा करने के लिए आया है?
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले शनिवार को 27 हाथियों का बड़ा दल पसान के जंगल से गौरेला-पेंड्रा इलाके के खोडरी वन परिछेत्र में प्रवेश किया हाथियों के इतने बड़े दल को देख कर ग्रमीणों में दहशत फैल गई।आनन- फानन में वन विभाग के छोटे-बड़े अफसरों को खबर दी गई।वन अमला तत्काल पहुंचा और ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने के साथ ही उनको बिल्कुल नहीं छेड़ने की सख्त ताक़ीद की गई।इसके बाद विभाग के मुलाजिम हाथियों के मूवमेंट पर नजरें गड़ा दिये।हाथियों का दल बिलासपुर-पेंड्रा सड़क मार्ग पर केंदा के कुछ किलोमीटर आगे बंजारी घाट के पास करिआम की घाटी में डेरा जमाए हुए हैं।गजदल में तीन दंतैल और सात गज शावक है बाकी मादा हाथी होने की जानकारी मिली है अभी तक हाथियों के दल ने किसी भी तरह की तबाही नहीं मचाई है जबकि रविवार को वन अमले की मौजूदगी में शरारती तत्वों ने गजदल पर पत्थर बरसाये थे जिससे हाथी उग्र भी हुए लेकिन फिर वे शांत हो गए।हाथी जिस तरह का व्यवहार दिखा रहे हैं उससे प्रतीत हो रहा है कि दल में एक या उससे अधिक मादा गर्भवती हैं और दल प्रसव के लिए खोडरी इलाके में आया है।इस वजह से गजदल ग्रामीणों के घर नहीं तोड़ रहा है, उकसाने के बाद भी हमला नहीं कर रहा और शान्ति के साथ घने जंगल में अपना ठिकाना बनाये हुए हैं।
कोई डेढ़-दो बरस पहले भी हाथियों का काफी बड़ा दल पसान के रास्ते बेलगहना-खोंगसरा के जंगल में ढाई-तीन महीने तक डेरा डाले रहा इस दौरान दल की एक हथिनी ने शावक को जन्म दिया फिर उसके इतने बड़े होने का इंतजार किया कि वह लम्बी दूरी तय करने लायक हो जाए।इस कार्य में समय लगता हैं।इस दल ने अपने पूरे प्रवास के दौरान जरा भी उधम नहीं मचाया और शावक के थोड़ा बड़े होते ही जिस रास्ते से आये उसी रास्ते से लौट गए।अब 27 हाथियों का दल आया है ये भी ऐसा शांत जंगल ख़ोज रहा जहां मानव का आना – जाना बिल्कुल न हो खोडरी का जंगल इसके लिए एकदम सही है।खोडरी वन क्षेत्र में हाथियों के लिए भरपूर हरा चारा और इफ़रात पानी मौजूद हैं ऊपर से शेर-तेंदुए सरीखे खतरनाक जानवरों का डर भी नहीं है।लकड़बग्घा, लोमड़ी हाथी के पास जाने से कतराते हैं।कहना न होगा कि हाथी के प्रसव के लिए यह क्षेत्र आदर्श बनकर उभर रहा है ।इसी कारण हाथी खुद हो कर उपद्रव नहीं मचा रहे अगर इंसान उनसे छेड़छाड़ करे तो फिर बात अलग ही हो जाती हैं।
हाथियों के बड़े दल के आ जाने से अक्सर चैन की नींद सोने वाला जंगल महकमा बड़ा ही हलाकान हो गया है।महकमे का अमन- चैन हराम हो गया है।रात-दिन हाथियों के पीछे-पीछे जा कर उनके मूवमेंट पर नज़र रखनी पड़ रही हैं।हर घण्टे की रिपोर्ट बड़े अफसरों को बतानी पड़ रही हैं।साथ ही गांव वालों को गजदल से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं करने की गुजारिश करनी पड़ रही हैं।हाथी अगर प्रसव के लिए आये हैं तो फिर उनका प्रवास लम्बा चलेगा तब तक वन अमला भी चैन से बैठ नहीं सकेगा।बहरहाल हाथी तो मस्तमौला जानवर हैं देखना है कि यह दल कब तक इलाके में रहता हैं।

Related posts

हमने अफसरों की जूते थमाते, कंधे पर घूमते तस्वीरें देखी हैं

sayyed ameen

विश्वकर्मा विसर्जन करने गईं 7 लड़कियों की तालाब में डूबने से मौत

sayyed ameen

‘दलित के हाथ से खाना नहीं लेंगे’… डिलिवरी बॉय के मुंह पर थूका तंबाकू

sayyed ameen