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‘पाद प्रतियोगिता’ विफल, सारे प्रतियोगियों की निकली ‘हवा’

सांस्कृतिक

आयोजक यतिन संगोई ने बताया कि वेसु क्षेत्र में स्थित एक ‘बैंक्वेट हॉल’ में आयोजित इस प्रतियोगिता के लिए 60 लोगों ने ‘सबसे लंबी’, ‘सबसे तेज’ और ‘सबसे सुरीली’ पाद का प्रदर्शन करने के लिए पंजीकरण कराया था। हालांकि रविवार को आयोजन स्थल पर मात्र 20 लोग ही पहुंचे
अहमदाबाद
गुजरात के सूरत में रविवार को अपनी तरह के अनोखे ‘पाद’ मुकाबले का आयोजन किया गया। इस मुकाबले में भाग लेने वालों को ‘सबसे लंबी’, ‘सबसे धमाकेदार’ और ‘सबसे संगीतमय’ पाद छोड़नी थी। देश में पहली बार हुए पदेड़ुओं के इस मुकाबले में तीन श्रेणियों में ट्राफियां दी जानी थी और तीनों श्रेणियों के मुकाबले का नामकरण कुछ इस तरह से किया गया था, ‘सबसे लंबी पाद ट्राफी’, ‘सबसे धमाकेदार पाद ट्राफी’ और ‘सबसे संगीतमय पाद ट्राफी’। लेकिन मजे की बात यह है कि सारे पदेड़ुओं को ऐन मौके पर शर्म आ गई और मुकाबले में आखिरी में केवल तीन पदेड़ू ही उतरे।और ये भी कोई कमाल नहीं दिखा पाए।
मुकाबले के मानदंडों पर खरा नहीं उतरने के कारण किसी भी पदेड़ू को ट्राफी नहीं दी जा सकी। देश में बताई जा रही अपनी तरह की यह पहली प्रतियोगिता विफल साबित हुई क्योंकि इसमें हिस्सा लेने वाले तीन प्रतियोगी पाद नहीं छोड़ पाए और उनकी ‘हवा’ निकल गई। केवल तीन ही जांबाज ऐसे थे जो हमेशा ही हंसी मजाक का विषय बनने वाले ‘पाद’ से जुड़ी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए शर्म छोड़कर हिम्मत दिखाते हुए आगे आए थे। आयोजक यतिन संगोई ने बताया कि वेसु क्षेत्र में स्थित एक ‘बैंक्वेट हॉल’ में आयोजित इस प्रतियोगिता के लिए 60 लोगों ने ‘सबसे लंबी’, ‘सबसे तेज’ और ‘सबसे सुरीली’ पाद का प्रदर्शन करने के लिए पंजीकरण कराया था। हालांकि रविवार को आयोजन स्थल पर मात्र 20 लोग ही पहुंचे।

शर्म के चलते मंच पर आए सिर्फ 3 प्रतियोगी
संगोई ने बताया कि इसमें से तीन व्यक्ति ही अपनी शर्म और संकोच छोड़कर मंच पर आए। ये अलग बात है कि इन तीनों की ही हवा खिसक गई। इस मुकाबले को देखने के लिए 70 लोगों के साथ कुछ मीडिया चैनल वाले भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता के विजेताओं के लिए तीन ट्रॉफी रखी गई थीं लेकिन इसमें से कोई भी ट्रॉफी बांटी नहीं जा सकी। हालांकि इस प्रतियोगिता में शामिल प्रतियोगियों को उपहार प्रदान किए गए। उन्होंने कहा, ‘प्रतियोगी मंच पर जाने को तैयार नहीं थे क्योंकि उन्हें संभवत: शर्म आ रही थी और उन्हें वहां समाचार चैनल, फटॉग्रफर और लोगों की मौजूदगी के चलते संकोच हो रहा था। हमने पाद मापने के लिए एक विशेष उपकरण बनाने के लिए एक कंपनी से भी सम्पर्क किया था।’

अगली प्रतियोगिता मुंबई में
प्रतियोगिता के असफल होने के बावजूद संगोई ने कहा कि उनकी योजना अगली ऐसी प्रतियोगिता मुम्बई में आयोजित करने की है। उन्होंने कहा कि वहां पर चेंबर मुहैया कराए जाएंगे जिससे प्रतियोगी दर्शकों की नजर से दूर रहेंगे। उन्होंने बताया कि मंच पर पहुंचने वाले तीन प्रतियोगियों में बारडोली के सुशील जैन, पाटण के अल्केश पंड्या और सूरत के विष्णु हेदा शामिल थे।(साभार नवभारत टाईम्स)

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