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न हाथी जैसा शरीर, न लोमड़ी जितनी चालाकी, न चीते की तेजी…

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नई दिल्ली: जंगल का राजा शेर… कई बार आपने कहावतों, किस्सों यहां तक कि नेताओं की बयानबाजियों में कहते सुना होगा कि जंगल का राजा तो एक ही होता है। कई फिल्मों में भी लॉयन को किंग की तरह दिखाया गया है तो क्या सच में जंगल का राजा शेर होता है? अगर ऐसा है तो इसकी वजह क्या है? आइए आज जंगल न्यूज की इस कड़ी में ‘King of the Jungle’ की बात करते हैं। आपको लगता होगा कि शेर तो कोई बड़ा जानवर नहीं होता है, जैसा हम हाथी को देखते हैं तो फिर उसे किंग की पदवी कैसे मिल गई। सालों नहीं, हजारों वर्षों से शेर को सबसे मजबूत, सबसे बहादुर और आक्रामक माना जाता रहा है। ऐसे में शेर न सिर्फ जंगल पर बल्कि इंसानी दिमाग पर भी राज किया है। शेर का नाम सुनते ही सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है। यह ताकत का प्रदर्शन भी माना जाता है। यही वजह है ज्यादातर देशों में उनके राष्ट्रीय प्रतीकों से शेर जुड़ा होता है।

8 किमी दूर तक दहाड़
आगे बढ़ने से पहले जान लीजिए कि शेर और बाघ अलग होते हैं। शेर के सिर के चारों तरफ लंबे बाल होते हैं। इसके पंजे काफी नुकीले होते हैं। मोगली की कहानियों में शेर खान तो आपको याद ही होगा। शेर को जमीन पर सबसे तेज शिकारी माना जाता है। उसकी दहाड़ करीब 8 किमी दूर से भी सुनी जा सकती है। दिलचस्प बात यह है कि जंगल का राजा कहे जाने वाले शेर खुद जंगल में कम ही मिलते हैं। वे ज्यादातर घास के मैदान, खुले मैदान जहां घास और दूर-दूर पेड़ होते हैं, या फिर झाड़ियों में रहते हैं।

हाथी, जिराफ, लोमड़ी, चीता…
अब बात फिर से किंग वाली। quora.com पर बहुत से लोगों ने इस सवाल का जवाब दिया है। दरअसल, हाथी सबसे विशाल जानवर, जिराफ सबसे ऊंचा, लोमड़ी सबसे चालाक, चीता सबसे तेज तो फिर शेर बिना इन क्वॉलिटीज के राजा कैसे बन गया। इसकी वजह मानसिक है। जी हां, शेर बहुत साहसी, बोल्ड और कॉन्फिडेंस के साथ जंगल में अपनी धमक बनाए रखता है। उसका रौब इतना रहता है कि कोई भी जानवर हमला तो दूर की बात उसे चुनौती देने की हिम्मत भी नहीं जुटा सकता है। शेर खुद को मानकर चलता है कि कोई उसकी बराबरी नहीं कर सकता। वह जोखिम लेना जानता है। शेर मानता है कि वह किसी भी जानवर को अपना भोजन बना सकता है। वह हर मौके को भुनाने की कोशिश करता है। ऐसे में हर क्वॉलिटी के आगे शेर का साहस और खुद पर यकीन, उसे जंगल का राजा बनाता है।

दिलचस्प बात यह है कि शेर का रुतबा उसके घर में भी बना रहता है। शेरनी और बच्चे शेर के आने के बाद ही खाने की तरफ बढ़ते हैं। जब शेर बूढ़ा हो जाता है तो कोई नया लीडर बनता है। शेर की लाइफ इतनी रॉयल है कि वह दिन में 16 से 20 घंटे तक सोता है। Adith Hariharasubramanian लिखते हैं कि शेर ही ऐसा जानवर है जो किसी से नहीं डरता है और वह खुली जगहों पर रहता है जबकि जंगल के दूसरे जानवर अपनी सुरक्षा को लेकर इतने सशंकित रहते हैं कि वे गुफाओं में या पेड़ पर ठिकाना तलाशते हैं। वह अपने भोजन को बचाकर भी नहीं रखता है। हिरण हो या भैंसा, खाने के बाद वह आगे बढ़ जाता है। बचा हुआ मांस दूसरे जानवरों के हिस्से आता है।

Quora पर हर्ष रावल एक किस्सा सुनाते हैं, जो उनकी दादी बताया करती थीं। वह कहते हैं कि शेर का एटिट्यूड ही रॉयल होता है। वह तभी शिकार करने निकलता है जब वह भूखा होता है। इसके अलावा वह किसी पर भी बेवजह हमला नहीं करता है। हालांकि टाइगर के साथ ऐसा नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में किंग का रुतबा शेर को मिला और टाइगर को ऐसा जानवर माना गया जो बेवजह अटैक कर सकता है।(साभार एन बी टी)

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