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तूफान को चीरकर कहां से भारत पहुंचा सोने का रथ?

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श्रीकाकुलम: सोने का है क्‍या? कहां से आया है? जरूर मंदिर ही है! आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलम जिले के सुन्नापल्ली तट पर मंगलवार शाम कौतूहल से लोग ये सवाल कर रहे थे। उन्‍होंने समंदर की लहरों में कुछ ऐसा तैरता हुआ देखा था जिसने उन्‍हें रोमांचित कर दिया था। उन्‍हें सोने के रंग का रथ (Gold Painted Chariot like Structure) जैसा कुछ दिखा था। कई लोगों ने इसे मंदिर बताया। यह हो कुछ भी, लेकिन स्‍थानीय लोगों में इसने रोमांच जरूर पैदा कर दिया। इसकी एक झलक पाने के लिए लोग जमा हो गए। यह कहां से आया इसे लेकर भी तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चक्रवाती तूफान असानी (Asani) के असर से इसके आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के तट पर पहुंच जाने के आसार हैं।

मीडिया र‍िपोर्टों के मुताबिक, सोने के रंग वाले इस रथ या मंदिर का आकार दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में मठों के जैसा है। इसे समंदर की लहरों में तैरते हुए देखा गया। इसके बाद कुछ स्थानीय लोग और मछुआरे रस्सियों की मदद से इसे किनारे पर खींचकर लाए। इसके म्यांमार, मलेशिया या थाइलैंड से होने की संभावना है। ऐसे भी आसार हैं कि यह मठ का हिस्सा हो सकता है।

फिल्‍म का सेट होने की भी लगाई जा रही अटकलें
चक्रवात असानी के असर से इस रथ के आंध्र प्रदेश तट पर भटक के आने का संदेह है। स्थानीय लोगों के अनुसार, चक्रवात के असर से लहरें काफी ऊंचे तक उठी होंगी। इसी के चलते यह तट पर बह गया होगा। इसके म्यांमार, थाइलैंड, मलेशिया या इंडोनेशिया जैसे देशों से बहकर यहां पहुंचने के आसार हैं। ये सभी देश भारत के करीब हैं। दूसरी बात यह है कि इन सभी देशों में अलग-अलग तरह से हिंदू पूजा पद्धति भी अभी जीवित है। ऐसे अनुमान लगाए जाने का यह भी एक कारण है। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इस बात की संभावना है कि यह गोल्‍डन रथ किसी दूसरे देश से आया हो। उन्होंने इसके स्रोत की जांच के लिए इंटेलिजेंस और उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया है।

इसके उलट कुछ अधिकारियों का कहना है कि यह किसी विदेशी देश से नहीं आया है, बल्कि भारत में किसी फिल्म के सेट से आया है। इस तरह के अनुमान जाहिर किए गए हैं कि रथ का इस्तेमाल भारतीय तट पर कहीं किसी फिल्म की शूटिंग के लिए किया गया था। तूफान असानी के कारण ऊंची लहरें उठने से यह श्रीकाकुलम तट पर आ गया। जैसे ही क्षेत्र के लोगों को इस घटना की जानकारी मिली, वो मंदिर की एक झलक पाने के लिए किनारे पर जमा हो गए।

रथ के मलेश‍िया-इंडोनेशिया से आने की क्‍यों कही जा रही बात?
रामकथा मलेशिया और इंडोनेशिया की सांस्‍कृति विरासत का हिस्‍सा है। यह और बात है कि इन देशों में मुस्लिम आबादी 90 फीसदी तक है। हालांकि, इन पर रामायण की गहरी छाप है। 2020 में अयोध्‍या में रामजन्‍मभूमि मंदिर के भूमि पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका जिक्र किया था। उन्‍होंने कहा था कि इंडोनेशिया में स्‍वर्णदीप रामायण और योगेश्‍वर रामायण जैसी कई अनूठी रामायण हैं। वहां के लोग खुद को राम से जोड़ते हैं। कंबोडिया और मलेशिया जैसे देशों में भी कई तरह की रामायण हैं। श्रीलंका में रामायण कथा जानकी हरण के नाम से सुनाई जाती है।

कहां पहुंच गया है चक्रवात ‘असानी’?
मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि भीषण चक्रवात ‘असानी’ बुधवार को चक्रवाती तूफान में तब्दील होते हुए उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ गया। इस दौरान क्षेत्र में 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। चक्रवात ‘असानी’ के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। चक्रवात के गुरुवार तक और कमजोर पड़कर निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने के आसार हैं। ओडिशा सरकार ने पांच दक्षिणी जिलों में ‘हाई अलर्ट’ की घोषणा की है। इनमें मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़ा, गंजाम और गजपति शाम‍िल हैं। इन इलाकों में चक्रवात का असर दिखने की आशंका है। यह ओडिशा से लगभग 200 किलोमीटर दूर काकीनाडा और विशाखापत्तनम के बीच पहुंच सकता है।

आईएमडी चक्रवाती तूफान पर नजर बनाए हुए है और सात मई से अभी तक 30 राष्ट्रीय बुलेटिन जारी कर चुका है। मकसद यह है कि स्थानीय प्रशासन तूफान के बारे जानकारी और उससे निपटने के सुझाव दे पाए। इस तूफान से आंध्र प्रदेश के कृष्णा, पूर्वी तथा पश्चिम गोदावरी जिलों और पुडुचेरी के यानम के निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। चक्रवात के कारण फूस की झोपड़ियों के अलावा बिजली और संचार लाइनों को नुकसान पहुंच सकता है। आंध्र प्रदेश के कृष्णा, पूर्वी-पश्चिम गोदावरी और विशाखापत्तनम जिलों और पुडुचेरी में यानम में धान और अन्य खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचने के आसार हैं।(साभार एन बी टी)

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