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खदान में नहीं घुस सके मजदूरों को बचाने आए नेवी के गोताखोर

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दो सप्ताह से एक कोयले की खदान में फंसे 15 मजदूरों को बचाने लिए नेवी के डाइवर्स का एक दल शनिवार को विशाखापत्नम से मेघालय के जयंतिया हिल्स जिले में पहुंचा। नेवी के 15 और ओडिशा फायर ऐंड रेस्क्यू सर्विस के 21 डाइवर्स खदान के अंदर जाने में नाकाम रहे। जिलके एसपी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर पंप और दूसरी मशीनें लगा दी गई हैं, लेकिन इसमें वक्त लग सकता है।
मुगुरमारी गांव के शोहोर अली का बेटा, भाई और दामाद इस खदान में फसा है। अली ने कहा, ‘मेरी सिर्फ इतनी मांग है कि अंतिमसंस्कार के लिए हमें कम से कम उनका शरीर तो मिल जाए।’ अली ने बताया कि वे मजदूर 2000 रुपये के मेहनताने पर मजदूरी कर रहे थे।
पिछले दो हफ्तों राज्य की एजेंसी और एनडीआरएफ 20 लाख लीटर से ज्यादा पानी निकाल चुकी है, पानी का स्तर अब तक ज्यों का त्यों बना हुआ है। करीब 15 दिन पहले खदान से बहार आए 5 मजदूरों में से एक साहिब अली ने बताया, ‘उस दिन हम 22 लोग खदान में गए थे। कई खुदाई करने वाले खदान के दूर के हिस्से में चले गए थे।’
साहिब ने बताया कि उन्होंने 13 दिसंबर को सुबह 5 बजे काम शुरू किया था। उन्होंने कहा, ‘7 बजे तक, खदान पानी से भर गई थी। मैं 5-6 फीट अंदर था और कोयले से भरा रेड़ा बाहर लाया था। मैं खदान के अंदर एक अजीब सी हवा महसूस कर सकता था, जो असामान्य थी। इसके साथ पानी के बहने की आवाज आ रही थी।’ साहिब का कहना है, ‘खदान में फंसे मजदूरों के जिंदा होने की कोई उम्मीद नहीं है। कोई भी आदमी आखिर कितना समय तक पानी के अंदर सांस ले सकता है।’

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