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एसपी साहब को नोटिस देकर बुलाते हो…और तान दी लोडेड गन

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मधुबनी

‘मेरे साहब (एसपी) को नोटिस भेजकर कोर्ट बुलवाते हो। आज मैं बताता हूं। आज मैं औकात दिखा दूंगा। मेरा यही अंदाज है…।’ बिहार के मधुबनी झंझारपुर में एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के चैंबर में घुसकर उन पर लोडेड गन तानने वाले थानेदार और एएसआई ने कोर्ट में जैसा आतंक फैलाने की कोशिश की, उसका बयां खुद एडीजे ने अपने स्‍टेटमेंट में किया है। उनके लिखित बयान के आधार पर झंझारपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

एडीजी ने अपने बयान में कहा है कि घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण जबरन उनके चैंबर में घुस आए और ऊंची आवाज में बोलने लगे। उनके साथ दुर्व्यवहार करने लगे। बार-बार कह रहे थे बाद में एएसआई अभिमन्यु कुमार भी पहुंच गए। मेरे ऊपर पिस्टल तान दी। बाहर खड़े लेाग अंदर आकर मुझे बचाया। इस दौरान कई लोग घायल भी हो गए। एडीजे ने अपने बयान में कहा कि एक महिला ने थानाध्यक्ष पर प्रताड़ना और झूठा मुकदमा दर्ज करने की शिकायत की थी। थानाध्यक्ष को 16 नवंबर को ही बुलाया गया था मगर वे 18 नवंबर को दो बजे आए। पुलिस ने दोनों आरोपी पुलिस अधिकारियों की पिस्टल और मोबाइल जब्त कर लिया है। थानाध्यक्ष की पिस्टल में पांच गोलियां लोड थी। इसके अलावा दोनों अधिकारियों से दस गोली भी जब्त गई हैं।

ये हुई थी घटना
झंझारपुर एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के चैंबर में गुरुवार को घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और एएसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा ने एडीजे पर हमला कर दिया। एडीजे के साथ हाथापाई की। हंगामे के बीच थानाध्यक्ष ने एडीजे पर पिस्टल तान दी। चैंबर से शोर की आवाज आने के बाद कोर्ट परिसर (बरामदे) में मौजूद अधिवक्ता और कर्मियों ने दौड़कर थानाध्यक्ष के हाथ से पिस्टल छीनी तब जाकर स्थिति काबू में आई।

एडीजे के बयान पर झंझारपुर थाना में दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इधर, हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए 29 नवंबर को विशेष सुनवाई की तारीख तय की है। मधुबनी सिविल कोर्ट के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के साथ हुई मारपीट पर पटना उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया है। इस संबंध में मधुबनी के जिला जज की ओर से भेजी गई रिपोर्ट पर खंडपीठ ने सुनवाई की। न्यायमूर्ति राजन गुप्ता तथा न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने गुरुवार शाम साढ़े सात बजे सुनवाई की। इसके बाद राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव तथा मधुबनी के एसपी को नोटिस जारी किया है। यही नहीं, कोर्ट ने डीजीपी के चार्ज में एडीजी हेड क्वार्टर को मामले की सुनवाई के समय अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।

उच्च न्यायालय ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला माना है। साथ ही यह भी कहा कि मामला काफी गंभीर हैं। अदालत ने सुनवाई के समय इस केस से संबंधित प्रगति रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करने का भी आदेश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 29 नवंबर तय किया।

पिस्तौल जब्त, लोड थी पांच गोलियां
दूसरी तरफ पुलिस ने दोनों आरोपी पुलिस अधिकारियों की पिस्तौल और मोबाइल जब्त कर लिया है। थानाध्यक्ष की पिस्तौल में पांच गोलियां लोड थी। इसके अलावा दोनों अधिकारियों से दस गोली भी जब्त गई है। एडीजे अविनाश कुमार के लिखित बयान पर झंझारपुर थाने में एफआईआर दर्ज कि थानेदार और एएसआई से बाहर खड़े लोगों ने अंदर आकर मुझे बचाया। इस दौरान कई लोग घायल भी हो गए। एडीजे ने अपने बयान में कहा कि एक महिला ने थानाध्यक्ष पर प्रताड़ना और झूठा मुकदमा दर्ज करने की शिकायत की थी। थानाध्यक्ष को 16 नवंबर को ही बुलाया गया था मगर वे 18 नवंबर को दो बजे आए।

फैसले से चर्चा में थे एडीजे
अपने कई फैसलों को लेकर एडीजे अविनाश कुमार लगातार चर्चा में रहते थे। हाईकोर्ट ने उनपर सुनवाई करने पर रोक लगा रखी है।

गिरफ्तारी कर मामले की हो रही है जांच- एसपी
मधुबनी के एसपी डॉ.सत्य प्रकाश ने कहा कि दोनों पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।(साभार लाइव हिन्दुस्तान)

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