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अच्छी खबर : डिप्लोमाधारी भी मेडिकल कॉलेज में बन सकेंगे सीनियर रेजिडेंट

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नई दिल्ली
एमबीबीएस के बाद डिप्लोमा करने वाले डॉक्टरों के लिए अच्छी खबर है। अब वे भी मेडिकल कॉलेजों में बतौर सीनियर रेजिडेंट नियुक्त हो सकेंगे। देश में तेजी से बढ़ते मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने शिक्षक पात्रता योग्यता (टीईक्यू) में संशोधन किया है।

इतना ही नहीं, सीनियर रेजिडेंट के लिए अधिकतम आयुसीमा 40 से बढ़ाकर 45 वर्ष की दी गई है। एमसीआई को ओर से जारी राजपत्रित अधिसूचना में कहा गया है कि पोस्ट ग्रेजुएट विषय में रेजिडेंसी करने वाले एमडी, एमएस, डीएनबी और डिप्लोमा धारी ऐसे डॉक्टर जिनकी उम्र 45 वर्ष से कम है, सीनियर रेजिडेंट कहलाएंगे।

इससे पहले सिर्फ एमडी, एमएस और डीएनबी करने वाले डॉक्टर ही सीनियर रेजिडेंट बन सकते थे। उनके लिए अधिकतम आयुसीमा भी 40 वर्ष थी। तमिलनाडु सरकार सीनियर रेजिडेंट के लिए अधिकतम उम्र सीमा 45 वर्ष करने की मांग कर रही थी। एमसीआई ने इसे अब जाकर मंजूरी दी है।

इन बदलावों से हजारों की संख्या में ऐसे डॉक्टर उपलब्ध होंगे, जो बतौर सीनियर रेजिडेंट मेडिकल कॉलेजों में अपनी सेवाएं दे सकेंगे। मालूम हो कि मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक बनने के लिए सीनियर रेजिडेंट के तौर पर सेवा देना एक अनिवार्य कदम है। वहीं, उम्र सीमा बढ़ाने से उन डॉक्टरों को अधिक समय मिल जाएगा, जिन्होंने किसी कारण से पीजी करने में देरी कर दी थी।सहूलियत
* मेडिकल कॉलेजों की शिक्षक पात्रता में हुआ संशोधन।
* सीनियर रेजिडेंट के लिए अधिकतम आयुसीमा 45 साल।(साभार Hindustan Times)

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