नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद लोगों में चर्चा होने लगी है कि महामारी अब खत्म हो चुकी है. इस सोच को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने चेतावनी देते हुए बड़ी बात कही है. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, ‘कुछ लोग बार-बार यह घोषणा कर रहे हैं कि कोरोना महामारी खत्म हो चुकी है. जबकि यह सही नहीं है. इस वक्त कोई भी महामारी खत्म होने की बात नहीं कह सकता. यह भी नहीं बता सकता है ये कब खत्म होगी. इसलिए कोरोना महामारी खत्म होने की बातें कर के, ऐसी बातों पर भरोसा करके सभी सावधानी छोड़ देना बड़ी मूर्खता होगी. कोरोना का नया वेरिएंट कहीं भी, कभी भी पैदा हो सकता है और हम फिर घूम-फिरकर चौराहे के उसी कोने में पहुंच सकते हैं, जहां से शुरू हुए थे. इसीलिए पूरी सावधानी बरतने की जरूरत अब भी है.’
उन्होंने ब्लूमबर्ग को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘जब दुनिया में कोरोना के बमुश्किल 100 मामले ही थे, डब्ल्यूएचओ (WHO) ने चेतावनी जारी कर दी थी. लेकिन तब किसी ने इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया. बेशकीमती वक्त बर्बाद हो गया. इसके बाद हमने देखा कि अमेरिका और यूरोप में किस तरह की तबाही मची. हमारी एक छोटी सी लापरवाही से वह भयावह दौर फिर लौट सकता है. हमें ध्यान रखना होगा कि अफ्रीकी देशों की 85% आबादी को अब भी कोरोना टीके की पहली खुराक नहीं मिली है. यह स्थिति कोरोना के नए वेरिएंट को पैदा करने और उसे फैलाने में मददगाार हो सकती है.’
लंबे समय तक सावधानियों का पालन करना होगा
डब्ल्यूएचओ वैज्ञानिक ने कहा कि हमें अभी लंबे समय तक कोरोना से जुड़ी सावधानियों का पालन करते रहना होगा. कोरोना और उससे जुड़ी इन सावधानियों के साथ रहना सीखना होगा. स्वामीनाथन ने कहा, ‘इस वक्त तो नहीं, लेकिन 2022 तक शायद हम बेहतर स्थिति में होंगे. उस वक्त हम ये बेहतर तरीके से बता सकेंगे कि वायरस अब किस स्थिति में और ये कब तक खत्म हो सकता है.’
चीन की वुहान लैब से निकला वायरस, ये थ्योरी अभी खत्म नहीं हुई है
स्वामीनाथन के मुताबिक, ‘अभी वायरस की उत्पत्ति और उसके प्रसार के कारणों के बारे में अध्ययन चल रही है. इस बारे में अभी हर तरह की संभावनाओं को देखा जा रहा है. यह थ्योरी भी पूरी तरह खारिज नहीं की गई है कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से लीक हुआ. इस सिलसिले में हमें यह ध्यान रखने की जरूरत है कि वायरस की उत्पत्ति का पता इतनी आसानी से और बहुत जल्द नहीं चलता.’
उन्होने कहा, ‘वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में सालों-साल लग गए कि सार्स (SARS) असल में मुश्कबिलाव (Civet Cat) से आया था. ऐसे ही मर्स (MERS) ऊंट से और एचआईवी (HIV) चिंपाजी से आया, यह जानने में भी सालों लग गए. जहां तक कोरोना का सवाल है कि तो अभी तक यही लग रहा है कि यह चमगादड़ों (BAT) से आया है. लेकिन यह इंसान में कैसे पहुंचा, इसका अभी पता चलना बाकी है.’(साभार न्यूज़18)