रांची : 21 साल और 7 दिन की उम्र में आईएएस कैडर में प्रवेश करने वाली सबसे कम उम्र की होने के कारण लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करने वाली 2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी पूजा सिंघल अब ईडी और अन्य जांच एजेंसियों के शिकंजे में घिरती नजर आ रही है। हालांकि इससे पहले भी आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल का घर-परिवार से लेकर नौकरी में अब तक का सफर विवादों से घिरा रहा है। नौकरी में रहने के दौरान जहां-जहां उनकी पोस्टिंग रही, उन पर भ्रष्टाचार और अनियमितता के कई गंभीर आरोप लगे। जबकि इस प्रारंभिक दौर में पारिवारिक जीवन में भी अच्छा नहीं रहा।
देश के सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद आईएएस पूजा सिंघल की पहली शादी आईएएस अधिकारी रहे राहुल पुरवार से हुई। लेकिन प्रारंभिक वर्षों के दौरान ही कुछ निजी कारणों को लेकर दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया और फिर तलाक होने के बाद पूजा सिंघल ने अभिषेक झा से शादी की। इस शादी के बाद पूजा सिंघल के पारिवारिक जीवन में थोड़ी शांति आयी, लेकिन इस बीच अति महत्वकांक्षा और पति तथा ससुराल वालों के व्यावसायिक हितों को फायदा पहुंचाने का आरोप उनपर काफी दिनों से लगता रहा।
अब तक मिले 19.31 करोड़ कैश
झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल पर चल रही छापेमारी के दौरान ईडी ने पहले दिन 19.31 करोड़ रुपये नकद के साथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और बेनामी संपत्ति के कागजात को जब्त करने में सफलता पायी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूजा सिंघल के पास करीब 150 करोड़ रुपये की बेहिसाब संपत्ति से संबंधित दस्तावेज मिले हैं, जिसकी छानबीन ईडी की टीम कर रही है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि ईडी की ओर से नहीं की गयी है। ईडी की टीम ने शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची के विभिन्न ठिकानों के अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर,दिल्ली एनसीआर और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भी एक साथ छापेमारी की गयी। इस दौरान रांची में पूजा सिंघल के करीबी एक सीए के घर से लगभग 17 करोड़ रुपये कैश मिले। बताया जा रहा है कि उसने घर में पैसे का बिछौना बनाकर रखा था। इसके अलावा उसके पास से 8 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति भी मिलने की खबर हैं, लेकिन इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है। वहीं बिहार के मधुबनी से पूजा सिंघल के ससुर कामेश्वर झा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
कई घोटालों में आया नाम
चतरा में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल ने मनरेगा योजना से 2 एनजीओ को 6 करोड़ रुपये दिये। इस मामले में विधानसभा में भी सवाल उठा, लेकिन बाद में उन्हें क्लिन चिट मिल गयी। जबकि खूंटी जिले में उपायुक्त रहने के दौरान मनरेगा में 16 करोड़ रुपये के घोटाले में नाम आया, जिसकी जांच अभी ईडी कर रही है। इससे पहले पलामू में उपायुक्त रहने के दौरान पूजा सिंघल पर उषा मार्टिन ग्रुप को कठौतिया कोल ब्लॉक आवंटन में नियमों की अनदेखी का आरोप लगा।
जहरीली सूई से हमला
चतरा में उपायुक्त के कार्यकाल के दौरान एक दिन अचानक यह खबर मिली कि नक्सलियों ने जहरीली सूई से पूजा सिंघल पर हमला किया है, जबकि उन्हें आनन-फानन में इरबा स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी जान बची। हालांकि यह भी चर्चा है कि उन्होंने खुद जहर खाकर जान देने की कोशिश की, लेकिन बाद में किसी तरह का कोई केस ना हो, इसलिए मामले को नक्सली हमला रूप देने की कोशिश की गयी।
स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक रही टॉपर, सर्विस में भी कई अच्छे रेकॉर्ड
देहरादून में जन्मी सिंघल ने गढ़वाल विश्वविद्यालय देहरादून से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर अपने पहले प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास की। वह अपने स्कूल के दिनों से लेकर विश्वविद्यालय की परीक्षा तक टॉपर की सूची में शामिल रही और उनका अकादमिक ट्रैक रेकॉर्ड काफी बेहतर रहा। आईएएस बनने के बाद हजारीबाग के रूप में एसडीओ में कार्य करने के दौरान उन्होंने विभिन्न गोदामों पर की और शिक्षा परियोजना की ओर से बच्चों को दी जाने वाली किताबों की अवैध बिक्री का भंडाफोड़ किया। पूजा सिंघल से ही शारीरिक रूप से अक्षम लोगों का डेटा एकत्र करने के लिए झारखंड में पहली बार विकलांग सर्वेक्षण भी किया। रिम्स निदेशक के रूप में भी लोग उनके योगदान को याद करते हैं। उन्होंने राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने में बड़ी भूमिका निभायी।(साभार एन बी टी)