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यहां चुनाव से लेकर बारिश होने पर भी लगता है सट्टा

सामाजिक

राजस्थान के जोधपुर जिले का एक कस्बा सट्टा लगाने के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां लोगों का बिजनस केवस सट्टे से ही जुड़ा हुआ है। यहां सट्टा और मटका बाजार है, जिसमें करोड़ों की डील होती है।
फलोदी कस्बे से थोड़ी ही दूरी पर सदर पुलिस स्टेशन है लेकिन थाने का दखल इस कस्बे के ‘बिजनस’ में नहीं होता है।
कस्बे के एक भीड़भाड़ वाले इलाके में बोली लगाई जा रही थी। यहां लगातार नंबर बोले जा रहे थे। वहीं, पास में बैठे अंतू चंदा ने बताया, ‘यहां स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए कोई फैक्ट्री या कंपनी नहीं है। स्कूल के बाद हमें पढ़ाई या रोजगार के लिए शहर जाना पड़ता है। यहां के कई लोग बाहर एमबीए, सीए, डॉक्टर और इंजिनियर हैं। मुबई स्टॉक मार्केट में भी फलोदी के बहुत सारे लोग हैं। हमारा अच्छा नेटवर्क है जो सट्टा बाजार की जानकारी भी हम तक पहुंचाता है।’
पूरे देश की नजर इस समय लोकसभा चुनाव पर है और सभी को 23 मई को आनेवाले नतीजों का इंतजार है। चंदा ने बताया, ‘हमारे यहां बिहार, यूपी, कोलकाता और लगभग सभी जगहों से लोग आते हैं। वे हमें बताते हैं कि अलग-अलग जगहों पर क्या जातिगत समीकरण बन रहे हैं। हम रोज सुबह 10 बजे निर्धारित रेट के मुताबिक मार्केट खोलते हैं। मार्केट 5 बजे तक खुला रहता है और इस समय में हम करोड़ों का बिजनस कर चुके होते हैं। लोग फोन करके सट्टा लगाते हैं। अगर वे जीतते हैं तो उनके अकाउंट में मोबाइल वॉलिट के माध्यम से पैसा डाल दिया जाता है।’
यहां के एक बुकी शिव रतन जोशी ने बताया, ‘हमें हर तरह के लोगों के फोन आते हैं। वे विधायक, सांसद या मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं। फलोदी का बाजार सही माना जाता है इसीलिए इसकी मांग ज्यादा है।’ लोकसभा चुनाव को लेकर भी फलोदी में सट्टा बाजार खुला है। यहां आईपीएल हो या अमेरिका के राष्ट्पति का चुनाव, हर मुद्दे पर दांव खेला जाता है।
यहां पर बारिश को लेकर भी सट्टा लगाया जाता है। आसमान में बादल का एक निशान भी दिखाई देता है तो लोग अगले 15 दिन में होने वाली बारिश के बारे में भविष्यवाणी करते हैं और सट्टा लगाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘बारिश का सट्टा 15 दिनों के लिए होता है। लोग इस बात पर सट्टा लगाते हैं कि क्या इतनी बारिश होगी कि लोगों की छत का पानी जमीन पर बहने लगे। स्थानीय लोगों को पहले से पैसे जमा करने की जरूरत नहीं होती है लेकिन बाहरी लोगों को अडवांस पैसे जमा कराने होते हैं।’
कुंवरलाल माली ने बताया, ‘यहां के रेट स्थिति के हिसाब से बदलते रहते हैं। यहां ‘खाना’ और ‘लगाना’ दो तरह के शब्द हैं जो काफी मशहूर हैं। खाना का मतलब होता है कि जीतने का चांस कम है और लगाना का मतलब जीतने के अच्छे चांस हैं। अगर कोई जीत जाता है तो अतिरिक्त धन के साथ उसे पैसे वापस मिल जाते हैं और अगर हार जाता है तो पैसे जब्त हो जाते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘विधानसभा चुनाव के समय फलोदी में करोड़ों का बिजनस किया गया था। यह सब हमारे खून में है और 6 साल की उम्र से ही मैं सट्टे का काम कर रहा हूं। हम अपनी आराध्य लतियालाल माता का आशीर्वाद लेते हैं।’

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