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माइग्रेन से परेशान हैं तो आजमाइये ये बादामी नुस्‍खा

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आधे सिर का दर्द यानी माइग्रेन जिसे होता है, वही इसकी पीड़ा समझ सकता है। ये दर्द उठते ही कुछ भी नहीं सूझता। आंखों से आंसू तक निकल आते हैं। आप एक बादामी आइडिया से इस दर्द से मुक्‍ित पा सकते हैं। दरअसल, दो दशक में सबसे ज्‍यादा जिस बीमारी ने हमें घेर रखा है, वह है आधे सिर का दर्द। स्‍मार्टफोन, टीवी, कंप्‍यूटर और डेस्‍क पर लगातार काम करते हुए आधे सिर में दर्द की परेशानी से घिर जाते हैं। सबसे पहले हम अपनाते हैं पेन किलर टेबलेट लेने का विकल्‍प। थोड़ी देर में आराम तो मिल जाता है लेकिन स्‍थायी तौर पर समस्‍या से छुटकारा नहीं मिल पाता। आइये, आपको बताते हैं किस तरह बादाम और काली मिर्च से बने दूध की मदद से तुरंत अाराम पा सकते हैं।

काली मिर्च, बादाम और दूध करेगा करामात
बादाम की सात गिरियां शाम को भिगोकर रख दें। सुबह इनका छिलका उतार लें और सफेद गिरी को अच्‍छे से पीस लें। यदि आंखें कमजोर रहती हैं तो चार काली मिर्च भी इसके साथ पीस सकते हैं। इस मिश्रण को ढाई सौ ग्राम दूध में मिला दें और इसे अच्‍छे से उबालें। चार उबाल आने पर इसमें एक चम्‍मच देसी घी और दो चम्‍मच चीनी डालें। ठंडा होने पर इसे पिएं। इससे आपकी स्‍मरण शक्‍ित बढ़ेगी। आधे सिर के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा। दूध का लगातार सेवन करना होगा।

सर्दियों में फायदेमंद
अब मौसम सर्दियों का आने वाला है। इस दौरान बादामी दूध पीने का ज्‍यादा असर होगा। दिमागी मेहनत करने वाले एवं छात्रों के लिए अत्‍यंत उपयोगी है। खाली पेट इस दूध को लेने के बाद दो घंटे तक कुछ न खाएं और न पिएं। बादाम का दूध पीने से तीन चार दिन में आधे सिर का दर्द ठीक हो सकता है।
हजम करने के लिए ये जरूर करें
बादाम को बारीक पीसना जरूरी है। खूब चबाकर मलाई की तरह कोमल बनाकर खाना जरूरी है। इससे बादाम आसानी से हजम हो जाने पर पूरा लाभ मिलता है। जरूरी नहीं कि सात से आठ गिरियों का ही सेवन करें। कम बादाम भी असरकारक होते हैं।

ऐसे भी लाभकारी
यदि बादाम का दूध नहीं ले सकते तो सात भिगोई हुई बादाम की गिरियां छीलकर चार काली मिर्च के साथ पीसकर खा लें। ऊपर से गर्म दूध पी लें। इससे स्‍मरणशक्‍ित बढ़ने के साथ-साथ इससे आंखों के अनेक रोग जैसे- आंखों की कमजोरी, आंखों का थकना, आंखों से पानी गिरना, आंख आना आदि दूर हो जाते हैं।

यूं भी बढ़ती है स्‍मरणशक्‍ित
एक चम्‍मच भर शंखपुष्‍पी के चूर्ण को दूध या मिश्री की चासनी के साथ रोजाना तीन से चार सप्‍ताह तक लेने से स्‍मरण शक्ति बढ़ती है। हरी शंखपुष्‍पी दस ग्राम घोटकर या छानकर दूध मिलाकर ठंडाई की भांति भी ले सकते हैं।

ये पांच बड़े फायदे
1- तनाव दूर भागता है
एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर बादाम तनाव दूर करता है। दिमाग रिलैक्स होता है। डिप्रेशन की दिक्‍कत दूर होती है।
2- शुगर की बीमारी भगाएं
डायबिटीज मरीजों के लिए बादाम काफी फायदेमंद होता है। शरीर में इंसुलिन की मात्रा को कंट्रोल करके ब्लड शुगर नियंत्रित रखता है। दरअसल, बादाम में वसा, प्रोटीन, फाइबर और मैग्नीशियम भरपूर होता है।
3- दिल के रोग से दूरी
शरीर में अल्फा-1 एचडीएल लेवल को बादाम बढ़ाता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करके दिल के रोगों का खतरा कम करता है। मुट्ठी भर बादाम का सेवन जरूर करें।
4- हड्डियां होती मजबूत
कमजोर हड्डियां भी एक बड़ी बीमारी है। शरीर में ताकत नहीं रहती। इस समस्‍या को भी बादाम दूर करता है। कच्चे बादाम में फास्फोरस, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे गुण होते हैं। ये हड्डियों और दांतों के लिए फायदेमंद होता है।
5- त्वचा दमके, कब्‍ज भागे
बादाम में होता है विटामिन ई। यह त्वचा को पोषण देता है और उसे ड्राई होने से बचाता है। इसमें अधिक मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जोकि भोजन पचाने में मदद करता हैं। 4-5 बादाम खाने के बाद 1 गिलास पानी पिएं। इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी। पेट के कैंसर का खतरा भी कम होता है।
नोट – ज्‍यादा दिन तक सिरदर्द रहने पर चिकित्‍सक से भी परामर्श लें।

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