नई दिल्ली
चीन ने भारत और चीन के बीच बॉर्डर विवाद को लेकर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध किया है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल वू कियान ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि बॉर्डर का मसला भारत और चीन के बीच का मामला है और दोनों पक्ष किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध करते हैं।
बता दें कि भारत सरकार का भी यही स्टैंड रहा है कि बॉर्डर मसले को दोनों देश आपस में मिलकर सुलझाएंगे।
अमेरिका पर बौखलाया चीन
भारत चीन बॉर्डर पर तनाव को लेकर अमेरिका के बयान पर चीन वाइट हाउस पर भड़क गया है। वू ने कहा है कि कुछ अमेरिकी नेता ‘जबरदस्ती’ शब्द का इस्तेमाल करने के इतने शौकीन हैं कि वे भूल गए हैं कि अमेरिका ‘जबरदस्ती की कूटनीति’ का आविष्कारक और मास्टर खिलाड़ी है। उन्होंने आगे कहा कि चीन न ही जबरदस्ती करता है और न ही दूसरों को जबरदस्ती करने देता है। चीन अन्य देशों पर ‘जबरदस्ती की कूटनीति’ के लिए अमेरिका का कड़ा विरोध करता है।
बता दें कि वाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा था कि अमेरिका, चीन-भारत बॉर्डर पर स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और भारत और अन्य पड़ोसियों को मजबूर करने के चीन के रवैए को लेकर चिंतित है।
14वें दौर की बातचीत सकारात्मक
वू ने कहा है कि दोनों पक्षों के बीच हुए 14वें दौर की वार्ता सकारात्मक और रचनात्मक रही है। चीन बातचीत और परामर्श के जरिए बॉर्डर मसले को सुलझाने का काम करेगा। उन्होंने बताया है कि इस बातचीत में चार समझौते हुए हैं।
किस चार समझौते की बात कर रहा चीन?
वू ने बताया है कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि दोनों देश अपने नेताओं द्वारा दिए गए मार्गदर्शन का पालन करते हुए बचे हुए मसलों के समाधान के लिए जल्द से जल्द काम करेंगे। दूसरी बात ये कि दोनों पक्ष क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रभावी प्रयास करने को लेकर सहमत हुए हैं।
तीसरा, दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनल के जरिए बातचीत बनाए रखने और जल्द से जल्द दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर सहमत हुए हैं। वू ने चौथी और आखिरी बात कही है कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि कमांडर स्तर की बातचीत का अगला दौर जल्द से जल्द आयोजित किया जाना चाहिए।(साभार लाइव हिन्दुस्तान)