मीडिया मुग़ल

भगवान बना किसान, मजदूरों को फ्लाइट से भेजा घर

Breaking News

पटना

कोरोना लॉकडाउन के बीच दिल्ली में फंसे बिहार के समस्तीपुर निवासी दस मजदूरों ने सिर्फ सपने में ही हवाई यात्रा करने के बारे में सोचा था। लेकिन हकीकत में उनका ये ख्बाव पूरा हुआ। बिहार के समस्तीपुर निवासी दस प्रवासी मजदूरों ने दिल्ली से घर लौटने को पकड़ी फ्लाइट और उनका ये ख्वाब उनके ‘मालिक’ किसान पप्पन सिंह गहलोत ने पूरा किया। ये सभी प्रवासी मजदूर दिल्ली के तीगीपुर गांव में तीन एकड़ खेत में मशरूम उपजाने वाले किसान पप्पन सिंह गहलोत के खेत में काम करते थे।

दरअसल बिहार में समस्तीपुर जिले के खानपुर ब्लॉक के श्रीपुर घरार नामक गांव के 10 प्रवासी मजदूर दिल्ली के एक किसान के फॉर्म हाउस पर काम कर रहे थे। वहीं उनके साथ काम करने वाले 40 दूसरे प्रवासी होली के मौके पर अपने घर लौट चुके थे। इसी बीच होली के बाद लॉकडाउन की घोषणा हो गई जिसमें ये सभी 10 प्रवासी फंस गए। हालांकि किसान पप्पन सिंह गहलोत ने लॉकडाउन के बीच उनके रहने और खाने की पूरी व्यवस्था की थी। यहां तक कि उन्होंने सभी प्रवासियों के घर कुछ रुपये भी भेज दिए।

इस बीच जब लॉकडाउन में प्रवासियों को घर जाने की छूट दी गई तो गहलोत ने उन्हें बस या श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर जाने की इजाजत देने से मना कर दिया। जैसे ही सरकार ने घरेलू विमानों को उड़ान की इजाजत दी वैसे ही गहलोत ने उन सभी 10 प्रवासी मजदूरों के लिए 68 हजार रुपये में फ्लाइट का टिकट खरीदा। पप्पन सिंह गहलोत ने फोन पर बताया कि वे प्रवासी मजदूरों को लेकर चिंतित थे। कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए वे उन्हें बस या ट्रेन से घर भेजने के खिलाफ थे।

उन्होंने बताया कि मजदूरों का परिवार 1993 से हमारे लिए काम कर रहा है जबसे मैंने दो पीढ़ियों से मशरूम की खेती शुरू की थी। बकौल गहलोत -मैं कभी भी इस मामले को उजागर नहीं करना चाहता था, लेकिन मीडिया को इसकी भनक तब लगी जब फ्लाइट लेने से कुछ दिन पहले एक अस्पताल में कोरोनोवायरस की जांच हो रही थी।

वहीं फ्लाइट से पटना लौटे नवीन राम, महेश राम, अर्जुन राम, लखेंद्र राम, प्रवीण राम, चंद्रशेखर राम, अमरजीत राम, जीवथ राम, दिनेश राम और जितेंद्र राम अपने भगवान रूपी मालिक की बड़ाई करते नहीं थक रहे हैं। पटना एयरपोर्ट पर इंडिगो की फ्लाइट 6E 494 से उतरे प्रवासी मजदूरों ने गहलोत को फोन पर पटना पहुंचने की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने बताया कि मालिक उन्हें छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक आए और हम सहुलियत से पटना से समस्तीपुर अपने घर पहुंच जाएं इसके लिए हम सबको 3-3 हजार रुपये भी दिए। इस बीच एक प्रवासी महेश ने कहा कि हमलोग फिर अगस्त में काम पर वापस लौटेंगे।(साभार लाइव हिंदुस्तान)

Related posts

बीवी की खूबसूरती बनी आफत, हसीन बेगम के पीछे पड़ी दुनिया

sayyed ameen

पत्नी और 3 बेटियों का गला काटा और फिर लगा ली फांसी

sayyed ameen

कोरोना के मरीजों की संख्या देश में 800 पार, 19 की मौत