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पहले से अनुमान लगाना मुश्किल किसके पक्ष में रहेंगे चुनावी नतीज़े?

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तीन चरणों के चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस ने तमाम लोकसभा क्षेत्रों से लगातार फीडबैक लिया है। पार्टी का कहना है कि इस बार पहले से कोई अनुमान लगाना कठिन है कि चुनाव किसके पक्ष में हैं। साथ ही पार्टी ने फीडबैक के मुताबिक रणनीति में बदलाव करने की कोशिश की है। पार्टी वोटिंग पैटर्न को देखते हुए अब खास सीटों पर फोकस करेगी जहां पार्टी को खुद के लिए बेहतर संभावनाएं लग रही हैं।
2014 जैसी कोई लहर नहीं
कांग्रेस के डेटा विंग को हेड करने वाले वरिष्ठ नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने एनबीटी से कहा कि हमने जो फीडबैक जुटाया है उससे मिले संकेत के अनुसार इस बार 2014 जैसी कोई लहर नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा यह संकेत है कि इस बार हर लोकसभा सीट से अलग-अलग रुझान आ रहे हैं। मतलब यह देश या 29 राज्यों का चुनाव न होकर 543 सीटों का चुनाव हो गया है। पहले से कोई अनुमान लगाना कठिन है कि यह एनडीए के पक्ष में है या यूपीए के पक्ष में। साथ ही वोटिंग ट्रेंड के बारे में कांग्रेस ने दावा किया कि जहां उनके मजबूत क्षेत्र हैं वहां बेहतर वोटिंग हो रही है।
कांग्रेस का दावा- साइलेंट वोटर हमारे साथ
प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि यह सही है कि इस बार सबसे अधिक संख्या साइलेंट वोटरों की है लेकिन इनका दावा है कि ये सरकार के खिलाफ हैं। पार्टी की प्रचार शैली में बदलाव के बारे में प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा बची हुई लोकसभा सीटों में कांग्रेस ने ऐसी सीटों की पहचान की है जहां पार्टी को अधिक फोकस करना है। विधानसभा से लेकर बूथवार तक लोगों तक पहुंचा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि भले कांग्रेस का प्रचार ऊपरी तौर पर नहीं दिख रहा है लेकिन पार्टी खासकर न्याय योजना के बारे में सीधे परिवार तक सफलतापूर्वक पहुंच रही है।
यूपी में अकेले लड़ने से बीजेपी को नुकसान
उत्तर प्रदेश कांग्रेस एसपी-बीएसपी गठबंधन से अलग बीजेपी के खिलाफ लड़ रही है। इस पर प्रवीण चक्रवर्ती ने संकेत दिया है कि अब तक वोटिंग ट्रेंड से साफ है कि कांग्रेस ने एसपी-बीएसपी से अधिक बीजेपी के हिस्से के वोट लिए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी बीजेपी को किसी तरह का लाभ नहीं लेने देगी। सबसे अहम बात है कि कांग्रेस मान रही है कि अब तक के चुनाव में क्षेत्रीय दलों ने उम्मीद से बेहतर किया है। दिल्ली में आप-कांग्रेस के अलग होने से बीजेपी को लाभ के मामले में उन्होंने कहा कि दिल्ली में तीनों पार्टी मजबूत है और अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।

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