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नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन में लीकेज, छेड़छाड़ की आशंका

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कोपनहेगन : स्वीडन के राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क ने मंगलवार को कहा कि उसने बाल्टिक सागर के नीचे रूसी गैस पाइपलाइन में असामान्य रिसाव के पास दो विस्फोटों का पता लगाया है। नेटवर्क ने कहा कि इसने बोर्नहोम के डेनिश द्वीप के दक्षिणपूर्व में सोमवार तड़के एक विस्फोट दर्ज किया जबकि दूसरा विस्फोट द्वीप के उत्तर-पूर्व में दर्ज किया। इसने कहा कि बाद वाला विस्फोट 2.3 तीव्रता के भूकंप के बराबर था। पोलैंड और डेनमार्क के नेताओं और विशेषज्ञों ने रूस से बाल्टिक सागर होते हुए जर्मनी पहुंचने वाली प्राकृतिक गैस की दो पाइपलाइन में हुए असामान्य रिसाव को लेकर इनके साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका जताई है।

पाइपलाइन में यह समस्या ऐसे समय पर आई है जब पोलैंड और यूरोप को रूसी गैस आपूर्ति से अलग करने के लिए तैयार पाइपलाइन का उद्घाटन होना है। अधिकारियों ने बताया कि रिसाव से ऊर्जा आपूर्ति को खतरा नहीं है क्योंकि रूस इस पाइपलाइन के जरिए गैस की आपूर्ति नहीं कर रहा है। विशेषज्ञों ने कहा है कि पर्यावरण पर इसका सीमित प्रभाव होगा। डेनमार्क के अधिकारियों ने सोमवार को घोषणा की थी कि नॉर्ड स्ट्रीम-2 पाइपलाइन में रिसाव का पता चला है जिसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

रिसाव वाले क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी
उन्होंने बाद में बताया कि नॉर्ड स्ट्रीम-1 पाइपलाइन के गैस दबाव में भी उल्लेखनीय कमी आई है जिससे हाल तक जर्मनी को गैस की आपूर्ति की जा रही थी। इसके बाद स्वीडन के समुद्र प्रशासन ने मंगलवार को बताया कि उसके क्षेत्र से गुजर रहे नॉर्ड स्ट्रीम-1 में दो स्थानों पर रिसाव का पता चला है। डेनमार्क के अधिकारियों ने भी रिसाव की पुष्टि की है। डेनमार्क के समुद्री मामलों के अधिकारियों ने पोतों को चेतावनी दी है और रिसाव वाले क्षेत्र में आवाजाही रोक दी है ताकि नौका या पोत इस क्षेत्र से न गुजर सके।

रूस ने भी जताई रिसाव पर चिंता
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रिसाव को ‘बेहद चिंताजनक बताया है।’ पत्रकारों के साथ कांफ्रेंस कॉल में प्रवक्ता ने कहा, ‘यह अभूतपूर्व स्थिति है जिसकी तत्काल जांच किए जाने की जरूरत है। हम इस खबर को लेकर बहुत चिंतित हैं।’ यह पूछने पर कि क्या किसी ने जानबूझकर ऐसा किया होगा, पेस्कोव ने कहा कि ‘किसी भी बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।’ चूंकि पाइपलाइन से फिलहाल यूरोप में गैस की आपूर्ति नहीं हो रही है, इसलिए रिसाव के कारण ऊर्जा आपूर्ति में दिक्कत नहीं होगी और विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यावरण पर भी इसका प्रभाव सीमित होगा।(साभार एन बी टी)

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