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नए अध्याय की शुरुआत, छोटा सिपाही बनकर करूंगा काम…

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अहमदाबाद : 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी के मुखर आलोचक और पाटीदार विरोध का चेहरा हार्दिक पटेल गुरुवार को भाजपा में शामिल हो रहे हैं। वह गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल की उपस्थिति में बीजेपी जॉइन करेंगे। बीजेपी में जॉइनिंग से पहले हार्दिक पटेल ने गुरुवार सुबह ट्वीट करके कहा कि वह राष्ट्र सेवा के भागीरथ काम में छोटा सिपाही बनकर काम करेंगे।

पूर्व कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने ट्वीट करके कहा, ‘राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित और समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूं। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूंगा।’

राम मंदिर और हिंदुत्व का किया था समर्थन
भाजपा के एक नेता ने टिप्पणी की कि हार्दिक ने अपनी राजनीति ‘समाज से शुरू हुई और धर्म में खतम हो गई’ उन्होंने कहा कि उनकी ताकत उनकी उम्र और उनकी मजबूत हिंदुत्व झुकाव है, जिन्होंने राम मंदिर जैसे मुद्दों का समर्थन किया है। हार्दिक पटेल ने पिछले महीने अपने पिता की पुण्यतिथि पर आयोजित प्रार्थना सभा के लिए राज्य के भाजपा नेताओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया था।

‘अनुशासन में हार्दिक को करना होगा काम’
बीजेपी नेता ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि चूंकि भाजपा कांग्रेस नहीं है, इसलिए हार्दिक को पार्टी के अनुशासन के भीतर काम करना है। आगामी चुनाव समुदाय पर हार्दिक पटेल की पकड़ की परीक्षा होगी। मेहसाणा, उंझा और वीरमगाम जैसे स्थानों के अलावा हार्दिक पटेल को अहमदाबाद में समर्थक मिल सकता हैं।

हार्दिक पटेल के करीबी अल्पेश कथिरिया ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य सरकार समुदाय के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस ले और पाटीदार आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के परिवार के सदस्यों को नौकरी दे।

2015 में पाटीदार आंदेलन ने हार्दिक पटेल को दी पहचान
हार्दिक पटेल की पटेल अनामत आंदोलन समिति के नेतृत्व में विरोध 2015 में हिंसक हो गया था, जिसमें 15 लोग मारे गए थे। राज्य की आबादी का लगभग 20% शामिल पाटीदार पूरे गुजरात में फैले हुए हैं। हार्दिक पटेल दंगों के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण संसदीय चुनाव नहीं लड़ पाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने दंगा और आगजनी के एक मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। भाजपा सरकार ने 2015 के आरक्षण आंदोलन के संबंध में उनके और अन्य के खिलाफ दर्ज कई मामलों को वापस लेने के लिए कदम उठाए।

बीजेपी का दावा कुछ और कांग्रेसी छोड़ेंगे पार्टी
साल के अंत में गुजरात विधानसभा के चुनाव होने हैं। बीजेपी ने इस बार अपनी तैयारी अभी से शुरू कर दी है। 2017 की तरह इस बार वह कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। 2017 के चुनावों के अंत में कांटे का मुकाबला हुआ था और बीजेपी किसी तरह अपनी सत्ता बचाने में सफल रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अभी से इसकी कमान संभाल ली है। चुनाव तक पीएम मोदी का हर महीने गुजरात दौरा हो सकता है। हालांकि अब तक तमाम सर्वे में बीजेपी की स्थिति 2017 के मुकाबले मजबूत बताई जा रही है लेकिन पार्टी अभी से आक्रामक प्रचार में जुट गई है। पार्टी का दावा है कि अगले कुछ दिनों में कांग्रेस के कई नेता उनके पाले में आएंगे। पार्टी की रणनीति खासकर उन इलाकों के कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में करने की है जहां 2017 में बीजेपी ने कमजोर प्रदर्शन किया था। साथ ही बीजेपी इस बार राज्य इकाई के भरोसे कुछ नहीं छोड़ना चाहती है।(साभार एन बी टी)

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