मीडिया मुग़ल

दो साल बाद फायदे में शराब कंपनियां, दर्ज की 2012 के बाद की सबसे बड़ी ग्रोथ

business-world

देश में शराब की बिक्री पिछले साल दोहरे अंकों में बढ़ी। यह 2012 के बाद सबसे तेज ग्रोथ है। 2018 से पहले लगातार दो साल देश में शराब की बिक्री में गिरावट आई थी। हाइवे के आसपास बिक्री पर लगी पाबंदी का असर घटने और कुछ राज्यों में डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में बदलाव के कारण बिक्री दोहरे अंकों में बढ़ी है।
इंडस्ट्री एग्जिक्यूटिव्स ने एक्साइज डिपार्टमेंट के डेटा के हवाले से बताया है कि विस्की, ब्रैंडी, रम और वॉदका सहित सभी अहम सेगमेंट्स में डिमांड बढ़ने से पिछले साल इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) का सेल्स वॉल्यूम 10% बढ़कर 35.90 करोड़ केस (डिब्बे) हो गया। एक केस में एक लीटर शराब की 12 बोतलें होती हैं।
शराब की बिक्री के हिसाब से 2017 लगभग एक दशक में सबसे खराब साल रहा था। उस साल सेल्स 3% घटकर 32.8 करोड़ केस रह गई थी। देश में 2001-10 तक शराब की सेल्स ग्रोथ 12% सीएजीआर से ज्यादा रही थी। देश के शराब बाजार में 70% हिस्सेदारी रॉयल स्टैग, मैकडॉवेल और ऑफिसर्स चॉइस जैसे IMFL ब्रांड्स की है।
देश की सबसे बड़ी शराब कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर आनंद कृपालु ने दिसंबर क्वॉर्टर के रिजल्ट्स के ऐलान के लिए आयोजित इनवेस्टर कॉल के दौरान कहा, ‘इंडस्ट्री की ग्रोथ बेहतर रही है। कुछ रेगुलेटरी इश्यू और इनकम पर बने दबाव के चलते प्रॉफिट थोड़ा कम रहा है।’
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में स्टेट और नैशनल हाइवे के आसपास शराब की बिक्री पर रोक लगा दी थी। इससे देशभर में लगभग एक तिहाई यानी 30,000 वेंडर्स का कारोबार बंद हो गया। नतीजतन बीयर और शराब की मांग में गिरावट आई थी। अदालत ने आदेश के जरिए स्पष्टीकरण जारी किया, जिससे शराब की बिक्री से जुड़ी शर्तों में नरमी आई और कई दुकानें फिर से खुलीं।
देश में शराब की कुल बिक्री में लगभग 20% का योगदान करने वाले केरल, बिहार और तमिलनाडु में 2016 के बाद कई तरह की पाबंदियां लगीं। दिल्ली, राजस्थान, केरल और तमिलनाडु की तर्ज पर पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड में हुए पॉलिसी चेंज के चलते सिर्फ सरकारी कॉरपोरेशंस के जरिए शराब की बिक्री की इजाजत दी गई। इन सबसे कारोबार को लेकर अनिश्चितता बढ़ी थी।
कंपनियों ने बताया कि लिकर मार्केट की ग्रोथ को प्रीमियम प्रॉडक्ट्स से बढ़ावा मिला है। डीलक्स और उससे बेहतर क्वॉलिटी के सेगमेंट में सेल्स ग्रोथ 19% रही है। इसके मुकाबले रेग्युलर और कम गुणवत्ता वाली शराब की सेल्स 4% बढ़ी है। यूनाइटेड स्पिरिट्स, पेर्नो रिकार्ड को 65% से ज्यादा सेल्स सेमी-प्रीमियम और अच्छी क्वॉलिटी वाले सेगमेंट से हासिल होती है।

Related posts

Comparing Citigroup To Wells Fargo: Financial Ratio Analysis

administrator

अब गन्दे नाले से जलेगा चूल्हा, प्रयोग सफल

मंदी की मार, कम्पनियां धुआँधार निकाले पड़ी हैं कर्मचारियों को