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परमाणु बम पर बदल सकती है संयम की नीति:राजनाथ सिंह

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाक पीएम इमरान खान को उसी लहजे में जवाब दिया है
‘नो फर्स्ट यूज’ हमारी न्यूक्लियर पॉलिसी, बदलाव परिस्थितियों पर निर्भर: राजनाथ
जैसलमेर/पोखरण
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से लगातार उकसावे वाले बयानों पर भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पड़ोसी मुल्क को इशारों-इशारों में सख्त चेतावनी दी है। राजनाथ ने कहा कि ‘नो फर्स्ट यूज’ भारत की परमाणु नीति है, लेकिन भविष्य में क्या होगा, यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
बता दें कि आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रथम पुण्यतिथि है। वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को पोखरण पहुंचे। इस मौके पर राजनाथ ने कहा, ‘भारत एक जिम्मेदार परमाणु राष्ट्र का दर्जा रखता है और हर नागरिक के लिए यह राष्ट्रीय गौरव है। यह गौरव हमें अटलजी की बदौलत मिला है और देशवासी सदैव इसके लिए उनका ऋणी है।

वाजपेयी के साहसिक फैसले को किया याद

गौरतलब है कि मई 1998 में पोखरण में दुनिया के कई देशों के विरोध के बावजूद भारत ने परमाणु परीक्षण किया था। उस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। शुक्रवार को राजनाथ सिंह इंटरनैशनल आर्मी स्काउट मास्टर्स प्रतियोगिता के समापन समारोह में हिस्सा लेने के लिए जैसलमेर पहुंचे थे। समारोह के बाद रक्षामंत्री पोखरण गए, जहां उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी और परमाणु परीक्षण के उनके साहसिक फैसले को याद किया।
इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यह एक संयोग है कि आज (शुक्रवार को) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि है और मैं जैसलमेर में हूं। ऐसे में मुझे लगा कि मुझे उन्हें पोखरण की धरती से ही श्रद्धांजलि देनी चाहिए।’ उन्होंने मीडिया से बात करते हुए भारत की परमाणु नीति पर को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल, ‘नो फर्स्ट यूज’ हमारी न्यूक्लियर पॉलिसी है लेकिन यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा कि आगे इस नीति में बदलाव होगा या नहीं।

क्या है नो फर्स्ट यूज नीति
न्यूक्लियर हथियार को लेकर भारत की नीति ‘नो फर्स्ट यूज’ की है। इस नीति के मुताबिक भारत किसी भी देश पर परमाणु हमला तब तक नहीं करेगा जब तक वह देश भारत के ऊपर हमला नहीं कर देता है। भारत ने 1998 में दूसरे परमाणु परीक्षण के बाद इस सिद्धांत को अपनाया। अगस्त 1999 में भारत सरकार ने सिद्धांत का एक मसौदा जारी किया, जिसमें कहा गया कि परमाणु हथियार केवल निरोध के लिए हैं और भारत केवल प्रतिशोध की नीति अपनाएगा। दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि भारत कभी खुद पहल नहीं करेगा लेकिन अगर कोई ऐसा करेगा तो फिर प्रतिशोध के साथ प्रतिक्रिया देगा।
‘अटलजी ने शुचिता और सुशासन को दिया बढ़ावा’
राजनाथ ने शुक्रवार सुबह ट्वीट करके भी दिवंगत बीजेपी नेता को श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अटलजी भारतीय राजनीति के ऐसे युगपुरूष थे, जिन्होंने मूल्यों एवं आदर्शों के साथ शुचिता एवं सुशासन की राजनीति को बढ़ावा दिया। उनका ‘सबका साथ-सबका विश्वास’ का भाव आज भी हम सबके लिए प्रेरणा है।(साभार नवभारत टाईम्स)

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