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कोरोनाबंदी के उल्लंघन पर दो साल तक जेल और जुर्माना भी

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नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को देश भर में फैलने से रोकने के लिए लोगों की आवाजाही रोकने के मकसद से 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिन के नेशनल लॉकडाउन का ऐलान किया है. देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि देश के लोगों की जान की सुरक्षा की सुरक्षा के लिए इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है क्योंकि कोरोना वायरस का संक्रमण साइकिल तोड़ना जरूरी है. गृह मंत्रालय ने पीएम के संबोधन के बाद लॉकडाउन गाइडलाइंस जारी कर दिया है जिसमें बताया गया है कि किन सेवाओं और चीजों को इस दौरान छूट होगी।

गाइडलाइंस में ये भी साफ कर दिया गया है कि सरकार इस लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटेगी और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अलग-अलग सेक्शन से लेकर आईपीसी की धारा के तहत केस दर्ज करेगी जिसमें दो साल तक की जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि लॉकडाउन गाइडलाइंस में…

Disaster Management Act 2005 Section 51- सरकारी काम में बाधा डालना

डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के सेक्शन 51 के तहत जो कोई भी आपदा से निपटने के सरकारी आदेश को मानने से इनकार करेगा या सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों के काम में बाधा पैदा करेगा उस पर डीएम एक्ट के सेक्शन 51 सेक्शन के तहत मुकदमा चल सकता है. इस केस में एक साल तक की जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है. लेकिन अगर किसी आदमी के ऐसा करने से किसी को खतरा होता है या किसी की जान जाती है तो ये सजा 2 साल तक की भी हो सकती है।

Disaster Management Act 2005 Section 52- गलत दावा करना

डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के सेक्शन 52 के तहत अगर कोई आदमी गलत दावा करके सरकार से किसी तरह का आपदा लाभ, राहत, मदद वगैरह लेता है और उसे ये पता है कि वो झूठा दावा कर रहा है तो उस पर डीएम एक्ट के सेक्शन 52 के तहत केस दर्ज किया जाएगा जिसमें दो साल तक की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

Disaster Management Act 2005 Section 53- पैसा या सामान का गबन

डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के सेक्शन 53 के तहत उन लोगों पर कार्रवाई हो सकती है जो आपदा के समय लोगों की सहायता के लिए मुहैया कराए गए पैसे या सामान की हेराफेरी करते हैं या उसका गबन करते हैं. डीएम एक्ट के सेक्शन 53 के तहत दर्ज केस में भी दो साल तक की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

Disaster Management Act 2005 Section 54- झूठी सूचना

डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के सेक्शन 54 के तहत झूठी सूचना देने वालों कार्रवाई की जा सकती है. ऐसे लोग जो आपदा के बारे में झूठी खबर, फेक न्यूज, बेबुनियाद बातें फैलाएं और उससे लोगों में पैनिक हो तो उन पर डीएम एक्ट के सेक्शन 54 के तहत केस दर्ज होगा और उन्हें एक साल तक की जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है।

Disaster Management Act 2005 Section 55- सरकारी विभागों के जुर्म

डिजास्टर मैनेजमेंट एक्टर के सेक्शन 55 के तहत सरकारी विभागों के जुर्म पर एक्शन लिया जाता है. इस सेक्शन के तहत किसी विभाग की गलती के लिए विभाग का प्रमुख जवाबदेह माना जाएगा. अगर किसी और कर्मचारी ने गलती की हो और वो डिपार्टमेंड हेड की जानकारी में ना हो तो ही वो बच पाएगा. उस सूरत में जो जांच में दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई होगी।

Disaster Management Act 2005 Section 56- सरकारी अधिकारी की नाकामी और जुर्म

डिजास्टर मैनेजमेंट एक्टर के सेक्शन 56 के तहत उन अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है जो आपदा के समय दी गई जवाबदेही से भागें या बिना इजाजत के उसे पूरा ना करें. इस केस में एक साल तक की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

Disaster Management Act 2005 Section 57- सेवा नहीं देने का जुर्म

डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के सेक्शन 57 के तहत आपदा के समय सरकारी आदेश पर कोई सेवा ना देने पर केस होता है जिसमें एक साल तक की जेल और जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

Disaster Management Act 2005 Section 58- कंपनियों के जुर्म

डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के सेक्शन 58 के तहत आपदा नियमों की अनदेखी और उनका उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई हो सकती है। केंद्र और राज्य सरकारों के सिर्फ विभाग और दफ्तर नेशनल लॉकडाउन में खुलेंगे, बाकी सब बंद या वर्क फ्रॉम होम रहेंगे

Disaster Management Act 2005 Section 59- मुकदमे की पूर्व मंजूरी

डिजास्टर मैनेजमेंट एक्टर के सेक्शन 59 में ये साफ किया गया है कि सेक्शन 55 और 56 यानी सरकारी विभागों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने से पहले सरकार से इजाजत लेनी होगी।

Disaster Management Act 2005 Section 60- जुर्म का संज्ञान

डिजास्टर मैनेजमेंट एक्टर के सेक्शन 60 में ये साफ किया गया है कि कोई कोर्ट डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत दर्ज केसों का संज्ञान तभी लेगी जब वो मुकदमा सरकार या प्रशासन के द्वारा दर्ज कराया गया होगा।

Indian Penal Code Section 188- सरकारी सेवक के आदेश की अवहेलना

आईपीसी के सेक्शऩ 188 के तहत आपदा के समय सरकारी अधिकारी द्वारा जारी आदेश की अवहेलना करने वालों पर केस होता है. इस केस में एक महीने से छह महीने तक की सजा और 200 रुपए से लेकर हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।(साभार लाइव हिंदुस्तान)

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