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5th जेनरेशन फाइटर एयरक्राफ्ट से बढ़ेगी दुश्मन की टेंशन

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नई दिल्ली: एडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) यानी पांचवीं जनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने के लिए कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की मंजूरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्यसभा में लिखित सवाल का जवाब देते हुए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि एडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट के डिजाइन और प्रोटोटाइप डिवेलपमेंट के लिए कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी यानी सीसीएस की मंजूरी लेने की प्रकिया शुरू कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि बेहद खास विशिष्टताओं के कारण 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान फोर्थ जनरेशन के लड़ाकू विमान से महंगे हैं। एएमसीए पांचवीं पीढ़ी का एक स्वदेशी एयरक्राफ्ट है इसलिए यह बाहर उपलब्ध इसी तरह के एयरक्राफ्ट की तुलना में कम महंगा है। दरअसल टाइम के हिसाब से टेक्नॉलजी बदलती है और उसी हिसाब से उसे अलग अलग जनरेशन का एयरक्राफ्ट कहा जाता है। 1970-80 के बाद जो फाइटर एयरक्राफ्ट बने उन्हें फोर्थ जनरेशन का कहा गया। 2000 के शुरू में जो एयरक्राफ्ट बने वह पांचवीं जनरेशन के एयरक्राफ्ट हैं।

फोर्थ जनरेशन के एयरक्राफ्ट में कुछ नई टेक्नॉलजी डालकर उसे मॉडिफाई कर सकते हैं लेकिन तब वह 4.5 जनरेशन का कहलाएगा वह पांचवीं (फिफ्थ) जनरेशन का नहीं होगा, क्योंकि उसका शुरूआती डिजाइन पहले की टेक्नॉलजी के हिसाब से बनाया गया है। अभी इंडियन एयरफोर्स के पास फोर्थ जनरेशन और 4.5 जनरेशन के एयरक्राफ्ट हैं। रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाली एजेंसी एरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी (एडीए) एडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) तैयार कर रही है। यह फाइटर जेट पांचवीं जनरेशन का फाइटर एयरक्राफ्ट है और स्वदेशी होगा। अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन ने पांचवीं जनरेशन के एयरक्राफ्ट बनाए हैं।

एडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट डबल इंजन का होगा। इसका डिजाइन ऐसा होगा कि दुश्मन की रडार को इसे पकड़ने में दिक्कत होगी। दुश्मन की रडार इसे पकड़ नहीं पाएगी या फिर जब यह दुश्मन के एकदम करीब पहुंचेगा तब उसकी रडार इसे पकड़ पाएगी। तब तक फाइटर एयरक्राफ्ट के पास दुश्मन को निशाना बनाने के लिए काफी वक्त मिल जाएगा। इस फाइटर एयरक्राफ्ट का डिजाइन तैयार हो चुका है।

जल्द ही अप्रूवल के बाद इसका डिवेलपमेंट शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। जो एयरक्राफ्ट तैयार किया जा रहा है यह मिडियम वेट कटैगरी में है। एलसीए तेजस लाइट वेट कटैगरी का एयरक्राफ्ट है। इसका वजन 15 टन से कम है। जो एयरक्राफ्ट 15 से 25 टन के बीच के होते हैं यह मिडियम वेट कटैगरी में आते हैं और 25 टन से ज्यादा वजन के हेवी वैट कटैगरी में। सुखोई-30 हेवी वेट कटैगरी में है और रफाल मीडियम वेट कटैगरी में।(साभार एन बी टी)

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