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हाथ लगा ऊर्जा का अनंत भंडार, अरब और रूस का दबदबा होगा खत्म

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वॉशिंगटन: अमेरिका ने इतिहास में पहली बार ऊर्जा के एक अनंत भंडार की खोज की है। अगर सबकुछ सही रहता है तो जीवाश्म ऊर्जा जैसे गैस, पेट्रोल और डीजल से अमेरिका की निर्भरता कम हो सकती है। इसका सबसे बड़ा नुकसान सऊदी अरब, रूस, कतर, ओमान, नाइजीरिया जैसे तेल उत्पादक देशों को हो सकता है। दरअसल, कैलिफोर्निया के लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी के नेशनल इग्निशन फैसिलिटी में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक एक परमाणु संलयन प्रतिक्रिया का उत्पादन किया है। इससे बड़ी मात्रा में स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हुआ, जिसका इस्तेमाल कई तरह की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। यूएस एनर्जी डिपार्टमेंट ने भी इस प्रयोग के सफल होने का ऐलान किया है।

परमाणु संलयन से क्या फायदा

यह प्रयोग स्वच्छ ऊर्जा का एक अनंत स्रोत को प्राप्त करने के लिए दशकों की लंबी खोज में एक बड़ा कदम होगा। यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को खत्म करने में मदद कर सकता है। दशकों से वैज्ञानिकों ने परमाणु संलयन पर नियंत्रण को पाने का प्रयास किया है। सामान्य भाषा में यह सूर्य को शक्ति देने वाली ऊर्जा की नकल करना है। सूर्य को भी परमाणु संलयन से ही ऊर्जा मिलती है। चीन में भी वैज्ञानिकों ने परमाणु संलयन पर काबू करने में सफलता पाई है। ऐसे में आने वाले दिनों में और भी देश परमाणु संलयन की तकनीक को पा सकते हैं।

परमाणु संलयन क्या है

परमाणु संलयन या न्यूक्लियर फ्यूजन एक मानव निर्मित प्रक्रिया है। इसमें सूर्य को शक्ति प्रदान करने वाली ऊर्जा को कृत्रिम रूप से उत्पादित किया जाता है। परमाणु संलयन तब होता है जब दो या दो से अधिक परमाणु एक बड़े परमाणु में जुड़ जाते हैं। इस प्रक्रिया में गर्मी के रूप में भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। संलयन केवल तब होता है जब परमाणु अत्यधिक गर्मी और दबाव में होते हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक दशकों से परमाणु संलयन का अध्ययन कर रहे हैं। इससे उन्हें वर्तमान में परमाणु रिएक्टरों में पैदा हो रहे परमाणु कचरे के बिना असीमित और कार्बन मुक्त ऊर्जा मिल सकती है। संलयन प्रोजेक्ट्स मुख्य रूप से ड्यूटेरियम और ट्रिटियम तत्वों का उपयोग करती हैं। ये दोनों हाइड्रोजन के समस्थानिक हैं।

लागत कम होने से ऊर्जा की कीमत भी घटेगी

कार्बन डायरेक्ट के मुख्य वैज्ञानिक और लॉरेंस लिवरमोर के एक पूर्व मुख्य ऊर्जा प्रौद्योगिकीविद् जूलियो फ्रीडमैन ने कहा कि एक गिलास पानी के बराबर ड्यूटेरियम में अगर थोड़ा सा ट्रिटियम मिलाया जाए तो यह एक घर को एक साल तक बिजली दे सकता है। ट्रिटियम दुर्लभ होता है और प्राप्त करने के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण है। हालांकि, इसे कृत्रिम रूप से बनाया जा सकता है। कोयले के उलट, आपको केवल थोड़ी मात्रा में हाइड्रोजन की जरूरत होती है। हाइड्रोजन ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में पाई जाने वाली चीज है। हाइड्रोजन पानी में पाया जाता है इसलिए जो पदार्थ इस ऊर्जा को उत्पन्न करता है वह असीमित है और इससे उत्पन होने वाली ऊर्जा साफ भी है।

परमाणु संलयन नाभिकीय विखंडन से अलग कैसे है

जब लोग परमाणु ऊर्जा के बारे में सोचते हैं, कूलिंग टावर और मशरूम क्लाउड दिमाग में आ सकते हैं। लेकिन फ्यूजन पूरी तरह से अलग है। संलयन दो या दो से अधिक परमाणुओं को एक साथ जोड़ता है, विखंडन इसके विपरीत होता है; यह एक बड़े परमाणु को दो या दो से अधिक छोटे में विभाजित करने की प्रक्रिया है। परमाणु विखंडन एक तरह की ऊर्जा है जो आज दुनियाभर के परमाणु रिएक्टरों को शक्ति प्रदान करती है। संलयन में, परमाणुओं के टूटने से उत्पन्न ऊष्मा का उपयोग ऊर्जा पैदा करने के लिए भी किया जाता है।(साभार एन बी टी)

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