देहरादून
हवाई यात्रा कर बाहर से आ रहे लोगों को दून में गंदे होटलों में अव्यवस्थाओं में रहना पड़ रहा है। इन होटलों को प्रशासन ने ही यात्रियों के लिए सूचीबद्ध किया है।
यात्रियों की शिकायत है कि लॉकडाउन में लम्बे समय से बंद पड़े होटलों में न तो बेड शीट साफ है न ही बाथरूम साफ हैं। बेड की हालत कई जगह इतनी गंदी है कि जमीन पर सोने को मजबूर होना पड़ा है।
पश्चिम बंगाल से आए नेहरू ग्राम के शिवदत्त द्विवेदी मंगलवार की रात 12 बजे निरंजनपुर के होटल में कमरा लिया। सूची के अनुसार उनका कमरा 950 रूपये का है। उनके साथ तीन अन्य कमरों में तीन अन्य यात्री भी ठहराए गए। इन्हें जॉलीग्रांट से जीएमवीएन की बस में बैठाकर निरंजनपुर पहुंचाया गया। बस ड्राइवर को होटल के बारे में कुछ पता नहीं था।
यात्रियों ने खुद ही होटल ढूंढा। रात को खाना बनाने के लिए होटल कर्मचारियों की मनुहार लगानी पड़ी। होटल के रूम में आपत्तिजनक सामग्री देखकर उनका मन खिन्न हो गया।
बेड सीट भी बदली नहीं गई हैं। खुद ही कमरे में झाडू लगानी पड़ी। सिंक काफी गंदा था। शिवदत्त ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट और जॉलीग्रांट में उनकी सिर्फ थर्मल जांच हुई। कोई सैम्पल नहीं लिया गया।
बल्लूपुर में ट्रैवल एजेंसी संचालक संजय ढींगरा के बेटे और बेटी को गुरुवार को दिल्ली से जॉलीग्रांट पहुंचना है। बेटा पूणे में और बेटी बंगलुरु में अमेजन कंपनी में काम करते हैं।
संजय ने बताया कि प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई होटलों की सूची के अनुसार वह सुबह से होटल बुक करने के लिए तलाश रहे हैं। एक दर्जन होटल घूम चुके लेकिन हर होटल में कोई न कोई दिक्कत है।
लॉकडाउन के कारण होटल स्टाफ भी पर्याप्त नहीं है। किचन बंद है। वहां साफ सफाई का भी अभाव दिख रहा है। ऐसी जगह रहने से बच्चे ओर भी बीमार हो जाएंगे। ऊपर से एक साथ आ रहे उनके बच्चों को अलग अलग रूम लेने को कहा जा रहा है। संजय ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों से कहा कि होटल से अच्छी व्यवव्था उन्होंने होम क्वारंटाइन के लिए घर में ही की है। लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही।(साभार लाइव हििन्दूस्तान)