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सुलह के मूड नहीं दिख रहे तेज प्रताप, अब तक घर नहीं लौटे

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राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पत्नी ऐश्‍वर्या राय को तलाक देने के बारे में रांची में अपने पिता से मिलने के बाद अभी तक घर नहीं लौटे हैं। तेज प्रताप की शादी छह महीने पहले ही हुई थी। बताया जा रहा है कि तेज प्रताप यादव वाराणसी में हैं और उनकी मां उनके लौटने का इंतजार कर रही हैं। तेज प्रताप के घर नहीं लौटने से माना जा रहा है कि वह तलाक पर अभी भी सुलह के मूड में नहीं हैं और घर जाने से बच रहे हैं।
आमतौर पर अपनी हर गतिविधि की सोशल मीडिया पर जानकारी देने वाले तेज प्रताप वहां भी शांत हैं। इस बीच सूत्रों ने कहा कि तेज प्रताप की मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी उनके घर लौटने का इंतजार कर रही हैं। हालांकि, आरजेडी नेताओं का कहना है कि तेजप्रताप सोमवार से वाराणसी में हैं। पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि तेज प्रताप के लापता होने की खबरों के विपरीत वाराणसी में हैं और अपने कुछ करीबी समर्थकों के संपर्क में हैं।
पदाधिकारी ने कहा कि तेज प्रताप अपनी मां समेत परिवार द्वारा पत्नी एश्वर्या से अलग होने के उनके फैसले का समर्थन नहीं करने को लेकर परेशान और नाराज हैं। उन्होंने कहा, ‘तेज प्रताप मीडिया में अपने फैसले की घोषणा के बाद शांति पाने के लिए वाराणसी में हैं। वह एक गंभीर धार्मिक व्यक्ति हैं। लेकिन उनके फैसले को परिवार से मंजूरी नहीं मिली है। वह जल्द ही घर लौट सकते हैं।’
अपनी शादी के अंतिम कुछ महीनों में तेजप्रताप ने कई दिन वृंदावन में बिताए हैं। बता दें कि तेज प्रताप ने दो नवंबर को कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की थी। तेज प्रताप के अब तक घर नहीं लौटने से अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह सुलह के मूड में नहीं हैं। उधर, पिता लालू प्रसाद की बात न मानने के सवाल पर तेज ने वाराणसी में कहा, ‘पापा मेरी बात मान रहे हैं, जो हम उनकी बातें मान लें। मेरे ममी-पापा, भाई-बहन सभी ऐश्वर्या का साथ दे रहे हैं।’
…तो क्या इस वजह से आई तलाक की नौबत?
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का भी जिक्र है कि ऐश्वर्या अपने पिता चंद्रिका प्रसाद राय को सारण लोकसभा सीट से टिकट दिलाना चाहती थीं। इसके लिए वह लगातार तेज प्रताप पर दबाव बना रही थीं। तेज प्रताप का आरोप यह भी है कि ऐश्वर्या हनीमून मनाने के लिए इंडोनेशिया के बाली जाना चाहती थीं लेकिन धार्मिक प्रवृत्ति की वजह से वह वहां जाने के पक्ष में नहीं थे।

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