मीडिया मुग़ल

साढ़े 3 साल के बच्चे को स्ट्रोक,डॉक्टर हैरान

सामाजिक

अहमदाबाद के रहने वाले धरिया पटेल के माता-पिता उस समय हैरान रह गए जब उन्होंने पाया कि उनके साढ़े तीन साल बेटे के शरीर का दायां हिस्सा नहीं हिल पा रहा है। यहां तक कि वह ठीक से बोल नहीं पा रहा और उसका मुंह टेढ़ा हो रहा है। परिजन उसे तत्काल हॉस्पिटल लेकर गए। वहां लगभग पचास मिनट तक धरिया की सर्जरी चली। अस्पताल में उसे डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में भर्ती रखा गया और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गया है।
डॉक्टरों ने बताया कि धरिया को स्ट्रोक हुआ था। उन्होंने बताया कि स्ट्रोक साठ साल की उम्र के बाद बहुत कॉमन होता है लेकिन साढ़े तीन साल के बच्चे को स्ट्रोक आना उनके लिए बहुत ही हैरान कर देने वाली बात थी। उन्होंने दावा किया कि गुजरात में यह पहला ऐसा केस सामने आया है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. स्नेहलाल टेल ने बताया कि बच्चा जब अस्पताल में आया तो उसमें लकवा के लक्षण थे। उसका तत्काल एमआरआई स्कैन किया गया तो पाया गया कि बच्चे की एक आर्टरी में क्लॉट है। इसके कारण दाईं तरफ का रक्त संचार बाधित हो गया और उसे ब्रेन स्ट्रोक हुआ था।
सामान्यता मरीज में स्ट्रोक का विंडो पीरियड 6 घंटे तक का होता है। बच्चे के माता-पिता उसे दो घंटे के अंदर अस्पताल ले आए थे। हम लोगों ने तत्काल उसकी सर्जरी शुरू की, जिससे उसकी जान बच गई।
डॉक्टरों ने बताया कि इस केस में बच्चे के माता-पिता का बहुत बड़ा रोल था। वह जितनी जल्दी उसे अस्पताल लाए उतनी ही जल्दी उन्होंने उसकी सर्जरी का भी फैसला लिया। सर्जरी में खतरा बहुत था लेकिन वह राजी हो गए।
धरिया की उम्र के बच्चे को स्ट्रोक आने के बाद डॉक्टर भी अचंभे में हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का केस बहुत ही दुर्लभ होता है। डॉक्टरों को उसके स्ट्रोक आने का कारण नहीं पता चल पाया है। डॉ. स्नेहलाल ने बताया कि हालांकि स्ट्रोक में हॉर्मोनल और जेनेटिक फैक्टर सबसे बड़ा कारण होता है। बच्चे की रिपोर्ट सामान्य थी। हालांकि टेस्ट के दौरान उसके अंदर एक बैक्टीरिया पाया गया लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि उसी वजह से बच्चे को स्ट्रोक आया।

Related posts

मां-बाप ने मरा हुआ समझ लिया था, 6 महीने बाद गूंगी बच्ची मिली

…तो क्या एग्जाम देने स्कूल आया था तेंदुआ! छात्र को किया घायल

sayyed ameen

कोरोनाबन्दी: किसान नहीं बेच पा रहे स्ट्रॉबेरी, गायों के लिए बना चारा