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सरकार का नया पता Twin Tower, छत पर उतरेंगे चॉपर

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नई दिल्ली. दिल्ली सरकार का पता जल्द ही बदलने वाला है. दिल्ली सरकार ITO पर 35 मंजिल के दो टाॅवर बनाएगी, 1910 करोड़ रुपये के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम शुरु हो गया है. इन दोनों ईमारतों को ट्विन टाॅवर (Twin Tower) कहा जा रहा है. दिल्ली की आप सरकार ने इस बिल्डिंग को बनाने के लिए खाका तैयार कर लिया है. अरविंद केजरीवाल सरकार ने ITO के पास मौजूदा 3 इमारतों को तोड़कर 35 मंजिला ट्विन टावर बनाने का फैसला किया है. ये दोनों इमारतें पूरी से ग्रीन-बिल्डिंग होंगी.

टाॅवर के बनने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य सभी मंत्रियों के विभागों के सचिवों का कार्यालय होगा. दिल्ली सरकार की योजना के मुताबिक आईटीओ पर स्थित विकास भवन-1, एमएसओ भवन (पीडब्ल्यूडी मुख्यालय) और जीएसटी भवन के मौजूदा ढांचे को ध्वस्त किया जाएगा. इन तीनों इमारतों के भूखंडों पर 30 से 35 मंजिला नई इमारत का निर्माण किया जाएगा. यहां पर पहले से मौजूद तीन भवनों का कुल भूखंड क्षेत्रफल 53,603 वर्ग मीटर है.

नई इमारत पर होगा हेलीपैड

दिल्ली सरकार के नए सचिवालय की इस इमारत की छत पर हेलीपैड होगा. दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने पिछले सप्ताह इन टावरों की योजना पर काम आगे बढ़ाने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश हैं. इस परियोजना का डिजाइन तैयार करने वाली सलाहकार कंपनी नियुक्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है.

सरकार ने ईमारत के लिए निकाला है ग्लोबल टेंडर 

बता दें कि लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी निविदा दस्तावेज में कहा गया है कि नए कार्यालय भवन का निर्माण दिल्ली सरकार के नियमों के अनुसार किया जाना प्रस्तावित है. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव रखने वाली कंपनी लगाई जाएगी, जिसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए गए हैं. इसे 2025 तक बनाए जाने का प्रस्ताव है. सलाहकार कंपनी को मास्टर प्लान 2021 के अनुसार फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) के अधिकतम उपयोग की योजना बनानी होगी.

500 से लेकर 2000 की क्षमता वाले होंगे तीन सभागार

इन टावर में 2,000, 1,000 और 500 लोगों की क्षमता वाले सभागार, सेमिनार कक्ष और सम्मेलन हाल होंगे। इसके अलाावा पुस्तकालय, क्रेच, सामुदायिक हाल, कैंटीन, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट व जिम होंगे. इमारतों में वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट सहित स्टिल्ट और बेसमेंट पार्किंग क्षेत्र होंगे. यहां वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरे, एक्सेस कंट्रोल, एस्केलेटर, सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीश¨नग, कांन्फ्रेंस हाल के लिए ऑडियो/ वीडियो सिस्टम, कामन एरिया, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा शामिल होगी। अभी तक के ये सबसे ऊंचे टावर होंगे.

नई ग्रीन बिल्डिंग में क्या-क्या होगा खास

नया भवन हरित भवन होगा जिसमें पार्किंग की सुविधा के साथ-साथ प्रत्येक कार्यालय के साथ संगोष्ठी कक्ष/सम्मेलन कक्ष भी होगा. सभागार की क्षमता 2000, 1000 एवं 500 व्यक्तियों की होगी. टावर पूरी तरह से वाईफाई से लैस होगी. सीसीटीवी एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, सब-स्टेशन, सौर ऊर्जा, गृह फाइव स्टार रेटिंग, लिफ्ट, एस्केलेटर, सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग सिस्टम और पुस्तकालय, क्रेच, सामुदायिक हॉल के लिए सुविधाओं सहित अन्य सभी तरह की सुविधा होगी. कैंटीन, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट छोटा बाजार, जिम सुविधाएं आदि भी बिल्डिंग में होंगी.

मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और सचिवों तक के दफ्तर होंगे यहां 

इन टावर में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालयों के अलावा मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों, सचिवों और उनके सहायक कर्मचारियों के कार्यालय होंगे। टावर हरित भवन होंगे और इसमें अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अभी दिल्ली सरकार का जो सचिवालय प्लेयर्स बि¨ल्डग में चल रहा है इसे इस टावर में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। प्लेयर्स बिल्डिंग को सरकार के अन्य कार्यालयों के लिए पूरी तरह समर्पित कर दिया जाएगा।(साभार न्यूज़18)

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