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रिमोट सेंसिंग तकनीक से अरपा पुनर्जीवित हो सकती हैं

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0 ‘‘अरपा को बहने दो’’ कार्यक्रम आयोजित
बिलासपुर । लोग अगर स्थानीय वस्तुओं का उपयोग करेंगे तो यह पर्यावरण के हक में होगा। बाजार जाते समय थैला लेकर जाएं। प्लास्टिक का उपयोग स्वतः समाप्त हो जाएगा। ये बातें जिला कलेक्टर डा.संजय अलंग ने नेचर क्लब के कार्यक्रम ‘अरपा को बहने दो’ में मुख्य अतिथि की आसंदी से कही।
विश्व पर्यावरण दिवस से अरपा की सिल्ट सफाई का कार्यक्रम नेचर क्लब ने आरंभ किया था। जनभागीदारी से श्रमदान और मशीनों की सहायता से नेचर क्लब के नेतृत्व में यह कार्यक्रम महीना भर से निर्बाध रुप से जारी था।
मुख्य अतिथि के रुप में जिला कलेक्टर डा.संजय अलंग ने बताया कि अब हम भारत द्वारा विकसित भुवन वेबसाइट में भारतीय उपग्रहों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भूगर्भ का 64 स्तरों तक अध्ययन कर सकते हैं, जिससे यह सूचना प्राप्त होती है कि नीचे चट्टानों में दरारें कहां कहां हैं इससे किन स्थानों पर चेक डेम इत्यादि बनाए जाएं ताकि सतही और भूगर्भीय जल को अधिक से अधिक समृद्ध किया जा सके। इस प्रकार हम रिमोट सेंसिंग तकनीकी का उपयोग अरपा का पुनर्जीवन  कर सकते हैं।
नेचर क्लब द्वारा आयोजित आज के कार्यक्रम में अरपा नदी पर डा.प्रसून सोनी ने पी.पी.टी.के माध्यम से बताया कि उपग्रह के द्वारा प्राप्त चित्रों से अरपा नदी को बचाने के प्रयासों से दिशा मिल सकती है।
रवि सिंग बायोसाईंटिस्ट ने बताया कि किस प्रकार हम बायोडाइजेस्टर के द्वारा मल के द्वारा होने वाले जलप्रदूषण को स्त्रोत पर ही समाप्त किया जा सकता है, उन्होंने बताया कि नदी का अर्थ अविरल बहाव है.यह बहाव तभी होगा जब लोग अपनी नालियां साफ रखेंगे.नालियों का गंदा पानी नदी में नहीं जाएगा तो नदी साफ रहेगी।
नालियों के निर्माण में कुछ बदलाव कर एरोबिक और एनॉरोबिक जीवाणु और जलीय पौधों की सहायता से नालियों में बहने वाले गंदे पानी को उपचारित कर पुनः नदी में छोड़ा जा सकता है.कम लागत के इन उपायों से जलस्रोतों को स्वच्छ रखा जा सकता है।
नेचर क्लब की ओर से प्रथमेश मिश्रा ने कहा कि अरपा के 150 कि.मी.की लंबाई में केवल शहर के 09 कि.मी.के क्षेत्र में ही सर्वाधिक गंदगी हमें बीड़ा उठाने पुकार रही है कि हम एक संकल्प लें कि अरपा में कूड़ा नहीं फेकेंगे, ष्अरपा रक्षा समूहष्,बनाने का सुझाव देते हुए आपने कहा कि अरपा में कचरा फेकने वाले व्यक्तियों और उद्योगों के खिलाफ कार्यवाही हो.नदियों के पुनर्जीवन के लिए फलदार पौधों को अरपा तीर के ग्रामीणों को वितरण और उनका जी.पी.एस.डाटा तैयार करना,रेत के विकल्प पर विचार और जल संरक्षण के लिए परकोलेशन टैंक, नालों में चेक डैम, कंटूर बंड,डाइस इत्यादि संरचनाएं बनाई जा सकती हैं। नेचर क्लब के संयोजक मंसूर खान ने बताया कि नेचर क्लब विगत तीस वर्षों से जल,जंगल और जमीन की लड़ाई निजी स्तर पर कर रहा है।
नेचर क्लब द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में महीने भर से जारी अरपा की सफाई अभियान के सहयोगी व्यक्तियों और संस्थाओं,प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और वेब पोर्टल को प्रमाण पत्र देकर आभार व्यक्त किया गया।
संचालन करते हुए नेचर क्लब की ओर से सविता प्रथमेश ने कहा कि बारिश के कारण सिल्ट हटाने का काम अस्थाई रुप से बंद किया जा रहा है और नेचर क्लब अब अरपा तीर के गांवों में फलदार वृक्षों के वृक्षारोपण की ओर ध्यान देगा।
आभार व्यक्त करते हुए पार्षद चंद्रप्रदीप बाजपेयी ने कहा अरपा को बहने दो,अरपा को रहने दो.जन समुदाय के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए आपने कहा कि अरपा की सेवा हर नगरवासी का पहला कर्तव्य है।
नेचर क्लब द्वारा प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि भूतपूर्व विधायक चंद्रप्रकाश बाजपेयी,विक्रमधर दीवान,डा.मनीष बुधिया, डा.सुशील केडिया, डा.सत्यभामा अवस्थी,चंदा बंसल,डा.ऊषा किरण बाजपेयी, अभिप्रीत बाजपेयी, हेमंत दुबे, निमेष खोडियार, साकेत तिवारी, कीर्ति पुरी गोस्वामी, भागवत साहू,अरविंद दीक्षित, रामप्रसाद शुक्ला, सत्यप्रकाश पांडेय,हर्ष द्विवेदी, विदुषी दीवान, नवनीत अग्रवाल, अमित मिश्र, दिपांशु श्रीवास्तव, श्रीमती चंदा बंसल, श्रीमती सरोज राठी, विमलेश बाजपेयी सहित अनेक जागरूक नागरिक उपस्थित थे।

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