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भारत लाया गया अंडरवर्ल्ड डॉन सुरेश पुजारी

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मुंबई
अंडरवर्ल्ड डॉन सुरेश पुजारी को भारत ले आया गया है। उसको फिलीपींस में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उसके प्रत्यर्पण की कार्रवाई चल रही थी। एनबीटी को मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उसे फिलीपींस से डिपोर्ट कर भारत लाया गया है। मंगलवार की देर रात सुरेश पुजारी दिल्ली हवाई अड्‌डे पर उतरा है। सुरेश पुजारी पहले डॉन रवि पुजारी के साथ काम करता था।

डॉन सुरेश पुजारी को फिलीपींस में तब गिरफ्तार किया गया था, जब वह वहां एक बिल्डिंग के बाहर खड़ा था। गिरफ्तारी के समय मुंबई पुलिस को मिली सूचना के अनुसार उसे 15 अक्टूबर को डोना आवे नाम की एक महिला के साथ पकड़ा गया। मुंबई पुलिस, सीबीआई के अलावा वह एफबीआई के भी रडार पर था। एफबीआई ने सुरेश पुजारी को लेकर 21 सितंबर को महत्वपूर्ण सूचनाएं शेयर की थीं।

रवि पुजारी के साथ काम करता था सुरेश
सुरेश पुजारी पहले डॉन रवि पुजारी के साथ काम करता था। करीब 10 साल पहले वह रवि पुजारी से अलग हो गया था और खुद का गैंग बना लिया था। नवी मुंबई, मुंबई और ठाणे में डांस बार मालिकों को वह उगाही के लिए नियमित फोन करता था। उगाही न देने वालों पर गोलियां चलवाता था। वर्ष 2018 में उसके शूटरों ने कल्याण-भिवंडी हाईवे पर केएन पार्क होटल को निशाना बनाते हुए गोलियां चलाई थीं। एक गोली रिसेप्शन पर बैठे एक कर्मचारी को लगी भी थी।

गोली चलवाने के बाद मांगा था हफ्ता
गोली चलवाने के बाद सुरेश पुजारी ने इस होटल के मालिक को फिर फोन किया था और 25 लाख रुपये का हफ्ता मांगा था। उस केस में मुंबई क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अजय सावंत और सचिन कदम ने सुरेश पुजारी गैंग के करीब आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया था। उसके बाद भी इस डॉन के कई लोग अलग-अलग केसों में पकड़े गए। उनके जरिए विदेश में वह कहां है, उसे ट्रैक किए जाने की कोशिशें चलती रहीं। सूत्रों के अनुसार, दिसंबर 2016 में उसके खिलाफ इंटरपोल द्वारा पहला रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। इस बीच एफबीआई ने भी उसको लेकर पक्की जानकारी शेयर की।

2016 से फिलीपींस में रह रहा था डॉन
मुंबई तक पहुंची सूचना के मुताबिक फिलीपींस में उसके होने की पक्की सूचना भले ही 21 सितंबर को मिली, लेकिन वह वहां 2016 से रह रहा था। उसका इंडियन पासपोर्ट वर्ष 2019 में एक्सपायर हो गया था। उसके खिलाफ मुंबई की दो अलग-अलग अदालतों द्वारा 2 जुलाई 2016 और 2 अगस्त 2016 को दो वारंट जारी किए गए। सुरेश पुजारी मूल रूप से उल्लासनगर का रहनेवाला है। वर्ष 2007 में वह भारत से भागा था। वह अलग-अलग देशों में सुरेश पुजारी के अलावा सुरेश पुरी और सतीश पई के नाम से भी रह रहा था।

महेश भट्‌ट कार्यालय शूटआउट में भी नाम
क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2006 में फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट के दफ्तर के बाहर शूटआउट हुआ था। हालांकि, वह शूटआउट रवि पुजारी ने करवाया था, लेकिन उसका प्लानर सुरेश पुजारी ही था। श्रीपद काले उन दिनों घाटकोपर क्राइम ब्रांच में कार्यरत थे। काले ने उस दौरान घाटकोपर के असल्फा से करीब आधा दर्जन लोग पकड़े थे। वह सब आरोपी सुरेश पुजारी के आदमी थे। उसी के बाद से सुरेश पुजारी फरार हो गया था।

तीन अन्य शूटआउट में था शामिल
अंबोली, नवी मुंबई और नाशिक में हुए तीन शूटआउट में भी सुरेश पुजारी का नाम आया था। रवि पुजारी के कहने पर सुरेश पुजारी ने शूटरों को सुपारी दी थी। हालांकि, वह तब खुद भारत में नहीं था। वह तीनों केस मुंबई क्राइम ब्रांच ने सॉल्व किए थे। नाशिक, अंबोली केसों के जांच अधिकारी पुलिस अधिकारी निगडे थे, जो उन दिनों क्राइम ब्रांच की यूनिट-वन में कार्यरत थे। बाद में रवि पुजारी और सुरेश पुजारी में अलगाव हो गया। सुरेश पुजारी ने इसके बाद खुद का गैंग बना लिया।

करीब दो साल पहले जब रवि पुजारी को भारत प्रत्यर्पित किया गया। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, उसने सुरेश पुजारी के संभावित ठिकानों को लेकर देश की अलग-अलग जांच एजेंसियों को महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। यह सारी जानकारियां इंटरपोल को वक्त-वक्त पर अपडेट की जाती रहीं। इसी में उसका फिलीपींस का लोकेशन ढूंढा जाने लगा। आखिरकार, वह गिरफ्तार हो गया।

असल्फा में था पिता का घर
सुरेश पुजारी के पिता का घर असल्फा में था। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, कालीना में भी इस डॉन की कोई प्रॉपर्टी थी। अंबरनाथ में उसने वीडियो गेम का एक क्लब भी खोला था। ठाणे, कल्याण, उल्लासनगर में कई डांस बारों में बार गर्ल्स की वह सप्लाई किया करता था। हर लड़की पर उसे रोज का पांच सौ रुपये मिलता था। उसकी इन बार गर्ल्स के जरिए महीने की दो से तीन लाख रुपये कमाई हो जाती थी।

सुरेश पुजारी ने कल्याण में एक केबल ऑपरेटर का मर्डर भी करवाया था। उसने कई राजनेताओं को भी धमकी भरे कॉल्स किए थे और उसके ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। रवि पुजारी की तरह सुरेश पुजारी भी ईरान के सिम कार्ड्स पर ज्यादातर लोगों को धमकाता था। हालांकि, ईरान में वह कभी रहा नहीं।(साभार एन बी टी)

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