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भारत को रूसी तेल से इसलिए फायदा हो रहा क्‍योंकि हम दर्द झेल रहे…

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कीव: रूस से सस्‍ता तेल खरीदने पर पश्चिमी मीडिया लगातार भारत पर हमले कर रहा है लेकिन अब यूक्रेन की सरकार ने भी खुलकर मोदी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। यूक्रेन के विदेश मंत्री दमयत्रो कुलेबा ने रूस से सस्‍ता तेल खरीदने को लेकर भारत पर निशाना साधा और कहा कि यह ‘नैतिक रूप से अनुचित’ है। कुलेबा ने कहा कि भारत को यह सस्‍ता तेल खरीदने का अवसर तब मिला है जब यूक्रेन की जनता रूसी हमले से हर दिन दर्द झेल रही है। यूक्रेन के विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत ने रूस से इस महीने सबसे ज्‍यादा तेल खरीदा है।

कुलेबा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ‘भारत के लिए रूसी तेल को सस्‍ती दर पर खरीदने का अवसर इस वजह से आया है कि यूक्रेन की जनता रूसी हमलों की पीड़ा झेल रही है और हर दिन मर रही है।’ उन्‍होंने कहा, ‘अगर आप हमारी पीड़ा से फायदे में आते हैं तो हमारे लिए आपके और ज्‍यादा मदद की जरूरत होगी।’ यूक्रेन के विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान के बाद यह पलटवार किया है, जिसमें उन्‍होंने कहा था कि फरवरी से यूरोपीय देशों ने रूस से इतना तेल खरीदा है जितना उसके बाद के 10 देशों ने मिलकर नहीं खरीदा है।

‘भारत कहे, यह यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमला है’

यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा, ‘यूरोपीय यूनियन की तरफ उंगली उठाना और यह कहना कि ओह वे भी यही कर रहे हैं, पर्याप्‍त नहीं है।’ कुलेबा ने कहा कि भारत के रूसी तेल के आयात को यूक्रेन में मानवीय पीड़ा के प्रिज्‍म से देखना होगा। कुलेबा ने यह भी कहा कि भारत खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस युद्ध को खत्‍म कराने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्‍होंने कहा, ‘वैश्विक परिदृश्‍य में भारत एक महत्‍वपूर्ण खिलाड़ी है। भारतीय प्रधानमंत्री अपने विचारों से एक बदलाव ला सकते हैं।’

कुलेबा ने कहा, ‘हम उस मौके का इंतजार कर रहे हैं जब भारतीय विदेश नीति बिना लाग लपेट के यह कहेगी कि यह संघर्ष यूक्रेन में युद्ध नहीं बल्कि यह यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमला है।’ बता दें कि भारत ने यूक्रेन युद्ध के बाद भी पुतिन के फैसले की आधिकारिक रूप से आलोचना नहीं की है। संयुक्‍त राष्‍ट्र में आए प्रस्‍ताव पर भारत ने वोट नहीं दिया था। यह पूछ जाने पर कि भारत का हस्‍तक्षेप रूसी राष्‍ट्रपति की सोच में बदलाव ला सकता है, इस पर कुलेबा ने कहा कि यह जरूरी है कि एक ठोस कदम उठाया जाए। उन्‍होंने कहा, ‘अगर आप प्रयास नहीं करेंगे तो कुछ भी नहीं बदलेगा।’

‘भारत पर्दे के पीछे से युद्ध रोकने के लिए करेगा प्रयास’

कुलेबा ने कहा, ‘हमने पीएम मोदी से उस समय कुछ उत्‍साहजनक संदेश देखे हैं जब उन्‍होंने कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है। हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में ज्‍यादा सक्रिय और पर्दे के पीछे से भारत की ओर से कूटनीतिक गतिविधियां होंगी। यह युद्ध को किसी भी तरह से खत्‍म करने के लिए महत्‍पूर्ण प्रयास हो सकता है।’ रूस ने गत 24 फरवरी को हमला शुरू किया था जो अब भी जारी है।(साभार एन बी टी)

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