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पाक ने डॉलर की खातिर जवाहिरी के खात्‍मे में की अमेरिका की मदद?

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इस्‍लामाबाद: अमेरिका ने अफगानिस्‍तान में घुसकर राजधानी काबुल में जोरदार ड्रोन हमला करके अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी को मार‍ गिराया है। इस हमले में तालिबानी गृहमंत्री श‍िराजुद्दीन हक्‍कानी के बेटे और एक रिश्‍तेदार के भी मारे जाने की खबरें हैं। अफगान मीडिया के मुताबिक हक्‍कानी ने ही अपने सुरक्षित ठिकाने पर तालिबानी सरगना को पनाह दे रखी थी। जवाहिरी की मौत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल पाकिस्‍तान की भूमिका को लेकर उठ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जवाहिरी के खात्‍मे में पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा की बहुत अहम भूमिका रही है। आइए समझते हैं पूरा मामला….

बताया जा रहा है कि अमेरिका ने जिस किलर ड्रोन से जवाहिरी के किले को निशाना बनाया, वह किसी खाड़ी देश जैसे कतर से उड़कर पाकिस्‍तान के रास्‍ते काबुल तक गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ड्रोन विमान बिना जनरल बाजवा की मंजूरी के पाकिस्‍तानी हवाई क्षेत्र से उड़कर नहीं जा सकता था। अमेरिकी किलर ड्रोन को रास्‍ता देने का ही इमरान खान विरोध करते थे लेकिन शहबाज राज में अमेरिका को यह मंजूरी दी गई। पाकिस्‍तानी पत्रकार कामरान यूसुफ ने खुलासा किया है कि जवाहिरी पर हमले से दो दिन पहले ही अमेरिकी सेना के एक शीर्ष जनरल ने पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा से बातचीत की थी।

बाजवा ने अमेरिका से पाकिस्‍तान को लोन देने के लिए गुहार लगाया
कामरान ने कहा कि ऐसा लगता है कि पाकिस्‍तान इस पूरे अभियान का हिस्‍सा था। दरअसल, पाकिस्‍तान को आईएमएफ से लोन लेना है जो बिना अमेरिका की मंजूरी के नहीं मिल सकता है। इसी वजह से बाजवा ने अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी से बातचीत की थी। जापानी मीडिया ने खुलासा किया था कि बाजवा ने अमेरिका से पाकिस्‍तान को लोन देने के लिए गुहार लगाया था। मीडिया रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ भी अभी कुछ दिनों पहले ही अमेरिका के दौरे पर गए थे। जनरल बाजवा के बातचीत और आईएसआई चीफ के दौरे से जवाहिरी के शिकार में पाकिस्‍तानी भूमिका की संभावना और ज्‍यादा बढ़ गई है।

दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन ने भी कहा है कि इस बात की पूरी संभावना है कि पाकिस्‍तान ने इस कार्रवाई में अमेरिका की मदद की हो। उन्‍होंने कहा क‍ि कुछ दिनों पहले आईएसआई चीफ अमेरिका गए थे। कुगलमैन ने यह भी कहा, ‘ जब अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्‍तान में घुसकर मारा था तब इस्‍लामाबाद और वॉशिंगटन के बीच रिश्‍ते बहुत खराब हो गए थे। संभवत: पाकिस्‍तानी मदद के साथ अब अमेरिका के अलकायदा सरगना जवाहिरी का अंत करने के बाद इस्‍लामाबाद को आने वाले वर्षों में बहुत बड़ा फायदा हो सकता है।'(साभार एन बी टी)

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