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तीन दिन पहले ही सपा छोड़ बीजेपी में आए…और मिल गया टिकट

Politics

लखनऊ

बीजेपी ने शनिवार को यूपी विधानसभा चुनाव के लिए अपने 107 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। खास बात यह है कि इस लिस्ट में बीजेपी ने अपने 20 सिटिंग विधायकों का पत्ता काट दिया है। वहीं उनकी जगह कुछ नए चेहरों को सूची में शामिल किया है। ऐसे में आइए जानते हैं कौन हैं ये बीजेपी के नए चेहरे जिन पर पार्टी ने जताया है भरोसा…

आगरा एत्मादपुर से धर्मपाल सिंह
एत्मादपुर में ठाकुर वोट करीब सवा लाख हैं। यह 2012 में बसपा की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। 2017 में बसपा की टिकट पर फिर चुनाव लडे़ थे, लेकिन हार गए। करीब छह माह पहले सपा जॉइन की थी। सपा के संभावित प्रत्याशी थे, लेकिन तीन दिन पहले भाजपा जॉइन की और टिकट मिल गया।

आगरा ग्रामीण से बेबीरानी मौर्य
आगरा ग्रामीण पर एससी वोट ज्यादा हैं। बेबी रानी मौर्य को भाजपा दलित चेहरे के रूप में प्रजेंट कर रही है। यह आगरा में मेयर रह चुकी हैं। इन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल भी बनाया गया था। तीन माह पहले इनसे इस्तीफा ले लिया गया था। इसके बाद बेबीरानी मौर्य को भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया।

आगरा फतेहाबाद सीट से छोटे लाल वर्मा
फतेहाबाद में निषाद वोट बैंक अधिक है। निषादों में अच्छी पकड़ है। दो बार भाजपा से विधायक रह चुके हैं। इसके बाद बसपा से 2012 में फतेहाबाद से चुनाव जीते। इसके बाद इन्होंने सपा जॉइन कर ली। मगर, इसके बाद भाजपा में हैं। भाजपा ने जातीय समीकरण को देखते हुए इन्हें टिकट दिया है।

आगरा फतेहपुर सीकरी से चौधरी बाबूलाल
फतेहपुर सीकरी जाट बाहुल्य क्षेत्र है। इस क्षेत्र में इनकी अच्छी पकड़ है। पूर्व में रालोद के टिकट पर चौधरी बाबूलाल मंत्री रह चुके हैं। 2012 में भाजपा के टिकट पर फतेहपुर सीकरी क्षेत्र से सांसद रहे थे। 2019 में इनका टिकट काट दिया था। अब पार्टी ने इन्हें विधानसभा का टिकट दिया है। वहीं, इन पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। आगरा के चर्चित पनवारी कांड में भी इनका नाम है।

आगरा खेरागढ़ सीट से भगवान सिंह कुशवाहा

बसपा से खेरागढ़ विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं। 2017 में खेरागढ़ से भाजपा विधायक महेश गोयल ने इन्हें हराया था। खेरागढ़ सीट पर कुशवाह व अन्य पिछड़ी जाति के वोट बैंक को देखते हुए इन्हें टिकट दिया है। कुछ दिनों पहले ही ये भाजपा में आए हैं।

कुंदरकी से कमल प्रजापति
भाजपा की जिला कार्यकारिणी में महामंत्री होने से इन्हें टिकट मिला है। कुंदरकी सीट 55 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं वाली सीट है। इसमें अभी तक ठाकुर प्रत्याशी रामवीर सिंह चुनाव लड़ते थे। मंडल की बाकी सीटों पर OBC वोटों को कनेक्ट करने के लिए यहां OBC प्रत्याशी उतारा गया है। बीजेपी ने इस सीट को C कैटेगिरी में डाला है।

मुरादाबाद ग्रामीण से केके मिश्रा
केके मिश्रा शहर में कोठीवाल डेंटल कॉलेज और रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर हैं। मुरादाबाद ग्रामीण सीट भी 55 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं वाली सीट है। इस सीट से सपा के हाजी इकराम कुरैशी विधायक हैं। इस सीट को भी बीजेपी C कैटेगिरी में मानती है।

मेरठ शहर से कमल दत्त शर्मा
मेरठ शहर सीट से ब्राह्मण को ही चुनाव लड़ाना था। इस सीट पर ब्राह्मण मजबूत स्थिति में हैं। स्थानीय संघ की पूरी पैरवी कमलदत्त के साथ रही। युवा चेहरा और युवाओं की बड़ी टीम होने के कारण पार्टी ने इन्हें मौका दिया है। लक्ष्मीकांत वाजपेयी के चुनाव न लड़ने से कमलदत्त को मौका मिला। कमल दत्त शर्मा का एक महिला के साथ अभद्रता करते हुए एक वीडियो पांच साल पहले वायरल हुआ था।

सिवालखास से मनिंदर पाल सिंह

वर्तमान विधायक जितेंद्र सतवाई की निगेटिव रिपोर्ट थी, जो मनिंदर के पक्ष में थी। गन्ना मंत्री सुरेश राणा, मुजफ्फरनगर सांसद डॉ. संजीव बालियान, मेरठ सासंद राजेंद्र अग्रवाल की पैरवी सब पर भारी पड़ी है। सिवालखास सीट पर जाटों का वोट साधने का भी बड़ा कारण है। बागपत सांसद सतपाल भी जितेंद्र सतवाई से कटे थे इसलिए मनिंदर को टिकट मिला।

मेरठ कैंट से अमित अग्रवाल
साफ छवि, क्षेत्र में अच्छी मेहनत के बल पर इन्हें टिकट मिला है। 2017 से इन्होंने भाजपा में सक्रिय भूमिका निभाई। यहां पार्टी ने जातीय समीकरण साधा और वैश्य समाज के उम्मीदवार को उतारा। स्थानीय संघ नेताओं की रिपोर्ट भी इन्हीं के पक्ष में थी। ये सपा और बसपा में भी रह चुके हैं। बसपा से ये निष्कासित किए गए थे।

बीजेपी पर दलित और ओबीसी विरोधी होने का लगा आरोप
अखिलेश यादव के साथ समाजवादी पार्टी जॉइन करने वाले नेताओं ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए थे। स्वामी प्रसाद मौर्या और धर्म सिंह सैनी जो बीजेपी की योगी सरकार में मंत्री रहे, उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ अगड़ों की पार्टी है। बीजेपी ने दलितों और पिछड़ों को धोखा दिया। इन आरोपों को मिटाने के लिए बीजेपी ने अब 60 फीसदी दलितों और पिछड़ों को टिकट देकर यह ठप्पा हटाने का प्रयास किया है।

44 ओबीसी और 19 एससी

बीजेपी की लिस्ट देखें तो कुल 107 प्रत्याशियों में से 44 पिछड़ी जाति के हैं। 19 प्रत्याशी अनुसूचित जाति के हैं। इसके अलावा बीजेपी ने दस महिलाओं को टिकट दिया है। 107 में से 63 मौजूदा विधायकों को भी टिकट मिले हैं।(साभार एन बी टी)

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