नई दिल्ली
अमेरिका और यूरोप की देखादेखी भारत बड़ी संख्या में कोरोना टेस्ट करने के पक्ष में नहीं है। यह माना जा रहा था कि रैपिड टेस्ट किट मिलने के बाद भारत टेस्ट को लेकर अपनी रणनीति बदल सकता है और ज्यादा लोगों को टेस्ट कर सकता है। लेकिन आईसीएमआर द्वारा जारी ताजा निर्देशों से साफ है कि सरकार फिलहाल पांच किस्म के संदिग्ध लोगों की ही रैपिड टेस्ट से जांच करेगी। इसके लिए राज्यों को भी दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं।
आईसीएमआर की एडवाइजरी के अनुसार मौके पर दो तरह की किट से रैपिड जांच को मंजूरी दी गई है। इनमें एक रियल टाइप पीसीआर टेस्ट और दूसरा एंटीबॉडीज टेस्ट है। दोनों टेस्ट अलग होते हैं, लेकिन इनसे तुरंत नतीजा निकाला जाता है। इन टेस्ट से जांच के लिए आईसीएमआर ने जो पांच मानक तय किए हैं, उनमें पहला है पिछले 14 दिनों से विदेश यात्रा से लौटा व्यक्ति। अभी ऐसे लोग नहीं हैं, क्योंकि विमान सेवाएं बंद हैं। लेकिन जब यह चालू हो जाएंगी तो विदेश से आने वाले हर व्यक्ति को इस टेस्ट से गुजरना होगा।
दूसरा,कोरोना के रोगियों के संपर्क में आए लोग जिनमें खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ के लक्षण हैं। तीसरे, सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता जिनमें इस प्रकार के लक्षण पाए जाएंगे। चौथे श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है जो तीव्र श्वसन संबंधी बीमारी से ग्रस्त पाए जाएंगे। इसमें खांसी-बुखार के साथ सांस लेने की तकलीफ या एनफ्लुएंजा जैसे लक्षण दिख रहे हों। जांच के लिए पांचवीं श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है जो किसी प्रकार से कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए हो सकते हैं, भले ही उनमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे हों। ऐसे लोगों के पांचवें एवं 14वें दिन दो बार टेस्ट होंगे।
आईसीएमआर की एडवाइजरी के अनुसार इन पांच श्रेणियों में ही फिलहाल कोरोना की रैपिड जांच होगी। इस जांच के पॉजीटिव आने पर रोगियों की स्वैब लेकर वायरोलॉजी जांच होगी। हॉटस्पॉट वाले एरिया में ये टेस्ट किए जाएंगे। जहां एनफ्लुएंजा जैसी बीमारी के लक्षण दिखने पर सातवें दिन रैपिड टेस्ट किए जाएंगे।(साभार लाइव हिंदुस्तान)