गाजियाबाद. बच्चे के जन्म के बाद अस्पताल से उसे अगवा करने के मामले में पुलिस को बड़ा सफलता हाथ लगी है. गाजियाबाद के मुरादनगर सीएचसी से अगवा किए गए नवजात को पुलिस ने 10 घंटे के भीतर बरामद कर लिया. साथ ही मासूम के अपहरण के आरोप में दो व्यक्तियों को हापुड़ जिले के एक गांव से दबोच लिया. पुलिस के मुताबिक नवजात को छुड़ाने के दौरान दोनों आरोपियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ भी हुई, लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार दोनों धर लिए गए.
पुलिस ने बताया कि बच्चे के अगवा होने के 10 घंटे के अंदर उसे छुड़ा लिया गया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पवन कुमार ने कहा कि नवजात को अगवा करने वाले आरोपियों की पहचान विजय उर्फ राहुल (जो किन्नर है) और प्रिंस के तौर पर हुई है. जानकारी के मुताबिक मुरादनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में गुरुवार को मीनू (24) नाम की महिला ने बच्चे को जन्म दिया था.
एसएसपी ने बताया कि शनिवार की सुबह, मीनू ने देखा कि उसका बेटा लापता है. इसके बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. परिजनों ने बच्चे की तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं दिखा. इसके बाद मीनू और उसके पति संदीप की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत मामला दर्ज किया गया. इधर, सुराना गांव के लोगों ने पुलिस से बच्चे को बचाने की मांग करते हुए सीएचसी के बाहर दिल्ली-मेरठ राजमार्ग को जाम कर दिया.
मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने शनिवार की रात ‘स्पेशल वेपन एंड टैक्टिक्स’ (स्वाट) टीम का गठन किया. पुलिस की सक्रियता से नवजात को अगवा करने के आरोपी विजय और प्रिंस को हापुड़ के बदनौली गांव से दबोच लिए गए. साथ ही पुलिस ने बच्चे को भी उनके कब्जे से छुड़ा लिया. जांच के दौरान पता चला कि आरोपी सीएचसी गए थे, जहां किन्नर ने खुद को गर्भवती महिला बताया. बच्चे को लेकर सीएचसी से जाने के बाद, वे बदनौली पहुंचे और अपने पड़ोसियों को मिठाई बांटी और कहा कि उनके यहां बेटा हुआ है.(साभार न्यूज़18)