टाटा मोटर्स घाटे में चल रही अपनी सहायक कंपनी जगुआर और लैंड रोवर (जेएलआर) में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर एक संयुक्त उपक्रम की स्थापना कर सकती है। इसके लिए टाटा मोटर्स संभावित सलाहकारों के साथ बातचीत कर रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा मोटर्स कंपनी पर अपना नियंत्रण बनाए रखना पसंद करेगी। जगुआर लैंड रोवर (JLR) में टाटा मोटर्स की संपूर्ण हिस्सेदारी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से वाकिफ लोगों ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि जेएलआर को हो रहे घाटे से निपटने के लिए टाटा मोटर्स कई विकल्पों पर विचार कर रही है। इन विकल्पों में से एक कंपनी में हिस्सेदारी बेचकर संयुक्त उपक्रम बनाना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि संभावित सलाहकारों के साथ कंपनी की आरंभिक स्तर की वार्ता चल रही है। टाटा मोटर्स हालांकि जेएलआर का नियंत्रण किसी और कंपनी को नहीं सौंपना चाहेगी, क्योंकि यह कभी उसके सिर का ताज रही है।
ईटी मार्केट्स की स्टोरी के जवाब में हालांकि टाटा मोटर्स ने कहा कि उसकी ऐसी कोई योजना नहीं है। टाटा मोटर्स के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘टाटा मोटर्स जेएलआर में हिस्सेदारी बेचने पर विचार नहीं कर रही और हम बाजार में चल रही अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।’
उल्लेखनीय है कि ब्रेक्जिट, अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध और वैश्विक अर्थव्यवस्था में आई मंदी के कारण जेएलआर की बिक्री पर भारी असर पड़ा है, जिसके कारण टाटा मोटर्स की आमदनी में भारी गिरावट आई है।
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