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खूंखार आदिवासियों के बीच से अमेरिकी का शव लाने वक्त लगेगा

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अंडमान के सेंटिनल द्वीप में मारे गए अमेरिकी टूरिस्ट का शव अभी तक बरामद नहीं हो पाया है। अथॉरिटी का कहना है कि शव ढूंढने में अभी कुछ दिन और लग सकते हैं। पुलिस ने बताया कि जॉन ऐलन चाऊ (27) पर पिछले हफ्ते हमला हुआ था जब वह उत्तरी सेंटिनल द्वीप गए थे। यह आइलैंड बंगाल की खाड़ी में स्थित है और पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित है।
क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख दीपेंद्र पाठक ने कहा कि अथॉरिटीज ने इलाके में पहले हेलिकॉप्टर और फिर एक जहाज भेजा था ताकि घटना वाली जगह का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा, ‘हम द्वीप से एक निश्चित दूरी बनाकर चल रहे हैं और अभी तक शव बरामद नहीं कर पाए हैं। इसमें अभी कुछ और समय लग सकता है।’
बता दें कि उत्तरी सेंटिनल द्वीप सेंटिनेलीज लोगों का घर है। उनके जीवन को सुरक्षित रखने के लिए यहां भारतीय और विदेशी पर्यटक के लिए द्वीप के 5 किमी की दूरी पर सीमा रेखा तय कर दी गई है जिसके आगे जाने पर मनाही है। पुलिस स्थिति काबू करने के लिए मानविकीविद्, जनजाति कल्याण और वन अधिकारियों समेत फील्ड एक्सपर्ट्स की मदद ले रहे हैं।
फील्ड एक्सपर्ट की ले रहे हैं मदद
उन्होंने बताया कि मानव विज्ञान सर्वेक्षण, वन विभाग, शिक्षाविद और राज्य आदिवासी कल्याण विभाग के विशेषज्ञों से बात की जा चुकी है ताकि घटना वाली स्थान तक पहुंचने की रणनीति बनाई जा सके और शव को बरामद किया जा सके। उन्होंने बताया, ‘हमें इस बात का ध्यान होगा कि किसी भी माध्यम से उनपर और उनके रहन-सहन में विघ्न न डाली जाए। यह काफी संवेदनशील जोन है और इसमें कुछ समय लगेगा।’
उन्होंने बताया कि मछुआरों की गिरफ्तारी के जरिए हम स्थानीय और पूरी दुनिया के लोगों को एक मेसेज देना चाहते हैं कि किसी के वहां जाने पर मनाही है।
अंडमान में पहले बंधक रखा, गिफ्ट देने पर मारा
अंडमान के सेंटिनल द्वीप में संरक्षित आदिवासी जनजाति द्वारा मारे गए अमेरिकी नागरिक जॉन ऐलन चाऊ के बारे में शुरुआती जांच से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अंडमान और निकोबार के डीजीपी दीपेंद्र पाठक के मुताबिक 17 नवंबर को बर्बर ढंग से हत्या से पहले अमेरिकी मिशनरी एलन चाऊ को घने जंगलों में 2 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया था।
गिफ्ट देने पर नाराज हो गए थे आदिवासी
डीजीपी के मुताबिक, चाऊ मछुआरों और अपने 5 साथियों के साथ 15 नवंबर को तड़के 4:30 बजे सेंटिनल द्वीप पहुंचे थे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने स्थानीय आदिवासियों से संपर्क की कोशिश की थी। चाऊ ने उन्हें छोटी फुटबॉल, कैंची और मेडिकल किट आदि गिफ्ट में देने की पेशकश भी की थी। लेकिन आदिवासी इससे नाराज हो गए। नाराजगी भांपकर चाऊ ने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन किसी आदिवासी ने उन्हें तीर मार दिया।
एक छोटे आदिवासी लड़के ने चलाया था तीर
एक अमेरिकी मिशनरी के मुताबिक तीर एक छोटे आदिवासी लड़के ने चलाया था जो चाऊ की ली हुई बाइबिल में भी लगा था। गौरतलब है कि मछुआरों ने उन्हें 16 नवंबर को समुद्र तट पर जिंदा देखा था। लेकिन नाव में उनकी वापसी का इंतजार कर रहे उनके दोस्त ने 17 नवंबर तट पर एलन के शव को रेत में गड़े देखा था। उन्होंने कपड़ों आदि से एलन चाऊ के शव की पहचान की थी। मामले में अंडमान पुलिस ने दो केस दर्ज किए हैं।

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