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कोरोना योद्धाओं की दिल को छू लेने वाली कहानियां

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नई दिल्ली
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए फ्रंट फुट पर लड़ाई लड़ रहे कई पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जो महीनेभर से अपने घर नहीं गए हैं। इन पुलिसकर्मियों की सुध लेने के लिए  इनके घरों की घंटी बजाई तो यह पता चला कि किसी के घर में बुजुर्ग पिता बीमार हैं तो किसी के रिश्तेदार का ऑपरेशन हुआ है, मगर वे देखने नहीं जा सके।

पिता पूछते हैं, बेटा आज भी घर नहीं आया

जीटीबी एंक्लेव थाने के एसएचओ अरुण कुमार के इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है, वहीं पड़ोस के दिलशाद गार्डन को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है। ऐसे में अरुण पिछले एक महीने से एहतियातन अपने घर नहीं जा रहे हैं। इनके 85 वर्षीय पिता जनक सिंह बिहार के गोपालगंज से इलाज कराने दिल्ली आए हुए हैं। वे न्यूरोलॉजी के मरीज हैं। ऐसे में अरुण कुमार की पत्नी माया सिंह ने अकेले ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभाल रखी है। वह कहती हैं कि उनके ससुर जब भी उठते हैं तो बस यही कहते हैं बेटा आज भी नहीं आया? मुझे डॉक्टर के पास कब ले जाएगा। इसके बाद गुमसुम हो जाते हैं। सिसकते हुए माया कहती हैं कि मेरी तो हालत ऐसी है कि एक तरफ बुजुर्ग ससुर की देखभाल करनी जरूरी है, वहीं बच्चों और सास का भी ध्यान रखना है। ऐसे हालत में काफी परेशानी हो रही है। कई बार ससुर को डॉक्टर के पास ले जाना पड़ता है तो सास और बच्चों को अकेले ही घर पर छोड़कर जाना पड़ता है।

बीमार पत्नी को देखने भी नहीं जा सके

कोरोना संक्रमण की वजह से चारों तरफ भय का माहौल है, ऐसे में खुद की तबीयत खराब होने पर समस्या बढ़ जाती है। यह कहना है कि शालीमार बाग निवासी मीना का। शुरुआती दौर में ही हॉट स्पॉट घोषित किए गए सदर बाजार इलाके के एसएचओ अशोक कुमार का परिवार शालीमार बाग इलाके में रहता है। उनके परिवार में पत्नी मीना और दो बच्चे हर्ष और शाइनी हैं।

मीना ने बताया कि कोरोना की वजह से उन लोगों में भी दहशत है। उनके पति ड्यूटी की वजह से करीब तीन हफ्ते से घर नहीं आए हैं। चार दिन पहले घबराहट की वजह ब्लड प्रेशर कम हो गया था। अचानक तबीयत खराब होने से बच्चे भी घबरा गए थे। आसपास के लोगों को यह मालूम था कि पति कोरोना वाले इलाके में ड्यूटी कर रहे हैं तो इससे और दिक्कत हो गई थी। फिलहाल किसी तरह से मामला संभाला लिया। इसकी जानकारी पति को भी दी गई, लेकिन कोरोना संक्रमण वाले इलाके में ड्यूटी करने की वजह से वह घर भी नहीं आ पाए।

जैसे-जैसे पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आते जा रहे हैं वैस ही डर बढ़ता जा रहा है। मीना का कहना हैकि डर लगता है कि कहीं मेरे पति भी कोरोना से संक्रमित न हो जाए, अगर ऐसी स्थिति आ गई तो हम क्या करेंगे।फिलहाल आसपास कोई रिश्तेदार भी नहीं है। दिल्ली के एक अन्य हॉट स्पॉट इलाके की कमान संभालने वाले मधु विहार के इंस्पेक्टर राजीव कुमार भी एक महीने से घर नहीं गए हैं। उनके मामा बिहार के खगड़िया से दिल्ली आए हैं और उनका स्पाइन का ऑपरेशन एम्स में पिछले महीने हुआ था, लेकिन राजीव अभी तक उनका हाल-चाल पूछने के लिए भी नहीं आ सके हैं। यह कहना है राजीव की पत्नी अर्चना का। उन्होंने बताया कि बस टेलीफोन से ही उनसे बातचीत कर लेते हैं। वहीं, सात साल की बेटी अपने पापा से नाराज है। दरअसल, 15 अप्रैल को उसका जन्मदिन था, मगर राजीव घर नहीं जा सके।

कोरोना की खबरें देख होती है चिंता

बुजुर्ग ईश्वंती देवी के पति दिल्ली पुलिस में थे, लेकिन ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। इसके बाद ईश्वंती देवी ने बेटे वरुण दलाल को भी देश सेवा के लिए दिल्ली पुलिस में भेज दिया, जो फिलहाल जहांगीरपुरी थाने में इंस्पेक्टर है। पिछले 22 दिनों से बेटा घर नहीं लौटा है, ऐसे में ईश्वंती देवी उसके लिए परेशान हैं।। ईश्वंती देवी ने बताया कि उन्हें उच्च रक्तचाप की बीमारी है। ऐसे में जब भी वह टीवी या अखबार में अपने बेटे के थाने की खबर देखती या पढ़ती हैं तो परेशान हो जाती हैं। थाने में तैनात पुलिसकर्मी अब संक्रमित होने लगे हैं, जो चिंता का विषय है।

छोटी-छोटी चीजों की दिक्कत

जमात में आए लोगों के रहने की वजह से कोरोना हॉट स्पॉट घोषित चांदनी महल थाने के पांच पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि, एसएचओ विनोद सिंह की रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन उनके परिवार में भय में है। रोहिणी स्थित एक अपार्टमेंट में विनोद सिंह की पत्नी रीना सिंह और बेटी सिद्धि रहती हैं। रीना का कहना था कि ऐसे समय में ज्यादातर परिवार एक साथ रहते हैं, लेकिन जिम्मेदारियों की वजह से पति 20 दिन से घर नहीं आए हैं। हालांकि, रिपोर्ट निगेटिव आई है लेकिन कब तक संक्रमण से बचे रहेंगे। इस वजह से आसपास के लोग भी दूरी बना कर रखते हैं। हर छोटी-छोटी चीजों के लिए दिक्कत होती है। पति चाहकर भी कोई मदद मुहैया नहीं करा सकते।(साभार लाइव हिंदुस्तान)

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