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कांग्रेस को जीत के लिए टीम जोगी को कहना चाहिए ‘धन्यवाद’

Politics

रायपुर
छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस को जश्न मनाने का मौका मिला है। पार्टी यहां बहुमत के साथ सरकार बनाएगी लेकिन उसकी इस जीत के पीछे टीम जोगी का भी हाथ है। पहली बार बीएसपी और सीपीआई के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करके अजीत जोगी की पार्टी ने चुनावों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। हालांकि, उनके किंगमेकर बनने का सपना कांग्रेस की लहर के साथ बह गया।
अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और बीएसपी ने मिलकर यहां 7 सीटें जीती हैं लेकिन चुनाव परिणाम से पहले जैसी चर्चा थी कि यह गठबंधन कांग्रेस के वोट शेयर कम कर सकता है, इससे उलट इसने बीजेपी को चोट पहुंचाई है। टीवी चैनल से बातचीत में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने कहा, ‘हमने हमेशा कहा है कि अजीत जोगी कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी को नुकसान पहुंचाएंगे। मैं खुश हूं कि यह सही साबित हुआ।’
‘लोगों के बदलाव के लिए वोट किया’
परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए अजीत जोगी ने कहा, ‘मैं खुश हूं कि 2 साल पुरानी क्षेत्रीय पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगियों ने प्रभावशाली जीत दर्ज की है। परिणाम दिखाते हैं कि एक क्षेत्रीय दल अब तीसरे विकल्प के रूप में उभर रहा है।’ कांग्रेस की जीत पर उन्होंने कहा कि लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया।
अजीत जोगी को उनकी पारंपरिक सीट मारवाही से 46,000 वोटों से जीत मिली जबकि उनकी पत्नी ने कोटा सीट से 5200 के अंतर से जीत दर्ज की। रेणु टिकट न मिलने पर कांग्रेस से नाराज होकर अजीत जोगी की पार्टी के टिकट से लड़ी थीं। आजादी के बाद से पहली बार कांग्रेस को कोटा से हार मिली है।
अकलतारा से हारीं जोगी की बहू
हालांकि जोगी की बहू रिचा जोगी जो बीएसपी के टिकट से चुनाव लड़ रही थीं उन्हें अकलतारा से हार मिली और बीजेपी के उम्मीदवार सौरभ सिंह ने इस सीट से जीत दर्ज की। सीपीआई का राज्य में खाता तक नहीं खुला। हालांकि नक्सली प्रभावित कोंटा निर्वाचन क्षेत्र में सीपीआई के मनीष कुंजम ने कांग्रेस नेता कवासी लकमा को कड़ी टक्कर दी।
2016 में जोगी ने छोड़ी थी कांग्रेस
बता दें कि अजीत जोगी के बेटे अमित पर 2014 में अंतागढ़ उपचुनाव में फिक्सिंग का आरोप लगने के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। इसके 6 महीने बाद जोगी ने भी 2016 में कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके बाद अजीत जोगी ने अपनी नई पार्टी की घोषणा की थी।

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