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कश्मीर में डर का माहौल पैदा कर रही सरकार:कांग्रेस

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कांग्रेस ने कश्मीर घाटी के मौजूदा हालात पर चिंता जताई है। पार्टी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जम्मू-कश्मीर में वर्तमान स्थिति पर संसद में बयान देना चाहिए, यह उनका कर्तव्य है। कांग्रेस ने सरकार पर घाटी में 30 साल बाद डर का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर खासकर घाटी के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए ‘अमरनाथ यात्रा रोकने’ और पर्यटकों के वापस लौटने के लिए जारी की अडवाइजरी के फैसले की निंदा की है। पार्टी ने यह भी ऐलान किया है कि वह इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में उठाएगी और प्रधानमंत्री मोदी से जवाब की मांग करेगी। कांग्रेस ने भारत सरकार पर 30 साल बाद कश्मीर में डर का माहौल फैलाने का आरोप लगाया है और कहा है कि इससे 1990 के दशक की यादें ताजा हो गई हैं।

आज तक किसी सरकार ने ऐसी अडवाइजरी जारी नहीं की
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को आगाह किया कि वह घाटी में किसी तरह के ‘मिसऐडवेंचर की कोशिश’ न करे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुलाम नबी आजाद, पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की प्रभारी अंबिका सोनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और डॉक्टर कर्ण सिंह शामिल थे। कांग्रेस नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज तक किसी भी सरकार ने इस तरह की अडवाइजरी जारी नहीं की। साल 2000 में आतंकी हमलों में 89 तीर्थयात्री और आम नागरिक मारे गए थे फिर भी अमरनाथ यात्रा नहीं रोकी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती और अडवाइजरी के जरिए भारत सरकार डर का माहौल बना रही है।

बड़े हमलों के बाद भी कभी नहीं रोकी गई अमरनाथ यात्रा
आजाद ने कहा, ‘कुछ घटनाएं पिछले एक-दो हफ्तों में हुईं हैं। 10-15 दिन पहले यहां से तकरीबन 25 हजार, कुछ कहते हैं 35 हजार, अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया, जबकि पुलवामा हमले को छोड़ दें तो इस साल आतंक से जुड़ी सबसे कम घटनाएं हुईं हैं। इस साल सबसे ज्यादा अमरनाथ यात्री तीर्थ पर जा रहे हैं। पर्यटक पहुंच रहे हैं। ऐसे वक्त में अतिरिक्त जवानों की तैनाती चिंता की बात है। ….एनडीए 1, एनडीए 2 और यूपीए की सरकारों के दौर में भी जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले हुए, पिछले साल 2017 में अमरनाथ यात्रियों पर भी हमला हुआ लेकिन कभी भी यात्रा नहीं रोकी गई। 2000 में सबसे बड़े आतंकी हमले हुए थे, 89 यात्री और आम नागरिक मारे गए थे लेकिन तब भी यात्रा सिर्फ 3-4 दिनों के लिए स्थगित हुई थी।अडवाइजरी देकर डर फैला रही है भारत सरकार: आजाद
उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार अडवाइजरी देकर डर फैला रही है और कश्मीर के लोगों के खिलाफ नफरत फैला रही है कि उनके रहते टूरिस्ट को भागना पड़ा। स्नाइपर राइफल का बहाना बनाया जा रहा है। हम भारत सरकार के इस फैसले की निंदा करते हैं।’ कांग्रेस ने केंद्र पर अमरनाथ यात्रा रोकने का आरोप लगाया है लेकिन आधिकारिक तौर पर ऐसा कुछ नहीं हुआ है। शुक्रवार को खराब मौसम के मद्देनजर जम्मू रूट से अमरनाथ यात्रा को 5 अगस्त तक के लिए सस्पेंड किया गया है।
कर्ण सिंह ने घाटी के मौजूदा हालात पर जताई चिंता
जम्मू-कश्मीर के पहले और आखिरी चुने हुए सदर-ए-रियासत कर्ण सिंह ने भी घाटी के मौजूदा हालात पर चिंता जताई। डॉक्टर कर्ण सिंह ने कहा, ‘पिछले 70 सालों से कई उतार चढ़ाव देखे। मुझे वहां के हालात पर चिंता है। अभी तो तो छड़ी भी नहीं निकली। पंचमी के दिन छड़ी निकलती है। मैं ही पूजा कर छड़ी अमरनाथ जी के लिए भेजता था। अभी तो नाग पंचमी भी नहीं आई, पूर्णिमा तो दूर है और अभी से अमरनाथ यात्रा रोक दी गई। छड़ी कैसे पहुंचेगी, मुझे इसकी चिंता है। इसे लेकर मैंने वहां के पुजारी महंत गिरी से बात करने की कोशिश की। बात नहीं हो पाई। अगर पूर्णिमा के दिन अमरनाथ जी तक छड़ी नहीं पहुंची, तो यह अच्छा नहीं माना जाएगा।’

चिदंबरम ने किया आगाह, किसी ‘मिसऐडवेंचर’ की कोशिश न करे केंद्र
हजारों अतिरिक्त जवानों की तैनाती और श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए सिक्यॉरिटी अडवाइजरी को घाटी में आर्टिकल 35-A और आर्टिकल 370 को खत्म करने की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है। इस पर पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार को आगाह किया कि वह ऐसा कुछ न करे। चिदंबरम ने कहा, ‘सरकार कुछ मिसऐडवेंचर करने की कोशिश कर रही है, सरकार ऐसा कुछ ना करे, मामला सुप्रीम कोर्ट में है, संसद चल रही है, वो ऐसा कैसे कर सकती है। फिलहाल क्या होगा, अभी कहना मुश्किल है। वेट ऐंड वॉच ही कर सकते हैं।(साभार नवभारतटाइम्स)

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