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एकतरफा घोषणा, हम निराश हैं…. 6 पॉइंट्स में किसानो का PM को लेटर

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नई दिल्ली
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम खुला पत्र लिखा है। रविवार को मोर्चा ने आंदोलनरत किसानों की छह मांगें रखीं। प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में एसकेएम ने कहा कि सरकार को तुरंत किसानों से वार्ता बहाल करनी चाहिए, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

किसानों ने अपने लेटर में लिखा, ‘देश के करोड़ों किसानों ने 19 नवंबर 2021 की सुबह राष्ट्र के नाम आपका संदेश सुना। हमने गौर किया कि 11 राउंड वार्ता के बाद आपने द्विपक्षीय समाधान की बजाय एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना, लेकिन हमें खुशी है कि आपने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि आपकी सरकार इस वचन को जल्द से जल्द और पूरी तरह निभाएगी।

पत्र के माध्यम से मांग रखी गई कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत वापस लिए जाने चाहिए। साथ ही मोर्चा ने कहा कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिवार को पुनर्वास सहायता, मुआवजा मिलना चाहिए।

पिछले लगभग एक वर्ष से केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों के किसान दिल्ली की सीमाओं के पास धरना दे रहे हैं। प्रधानमंत्री शुक्रवार को देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कह चुके हैं, लेकिन आंदोलनरत किसान अपनी कई अन्य मांगों को लेकर अब भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।

लखनऊ में महापंचायत, कानून निरस्त करने की तैयारी में सरकार
नरमी का कोई संकेत न दिखाते हुए किसान संगठनों ने घोषणा की है कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने संबंधी कानून के लिए दबाव बनाने के लिए सोमवार को लखनऊ में महापंचायत के साथ ही अपने निर्धारित विरोध प्रदर्शनों पर अडिग हैं। वहीं, केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की उनकी मांग को पूरा करने के लिए संसद में विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। सरकारी सूत्रों ने रविवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दिए जाने पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा विचार किए जाने की संभावना है ताकि उन्हें संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके।

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र में क्या लिखा
संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलनरत किसानों की छह मांगें रखी हैं। प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार को तुरंत किसानों से वार्ता बहाल करनी चाहिए, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। एसकेएम ने कहा कि आपके संबोधन में किसानों की प्रमुख मांगों पर ठोस घोषणा की कमी के कारण किसान निराश हैं।

किसानों पर मामले वापस लेने की मांग
किसान संगठन ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत वापस लिए जाने चाहिए। कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिवार को पुनर्वास सहायता और मुआवजा मिलना चाहिए।(साभार एन बी टी)

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