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इंटरनल सर्वे ने उड़ाई कांग्रेस की नींद, बदलनी पड़ी रणनीति

Politics

चंडीगढ़: आगामी 20 फरवरी को होने जा रहे पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को आंतरिक मूल्यांकन के बाद अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. कांग्रेस पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का मत है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) काफी मजबूत दावेदार के रूप में चुनौती पेश कर रही है.

जालंधर में 14 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निशाने पर राहुल गांधी रहे. जबकि, कांग्रेस नेताओं ने अपनी सभाओं में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को निशाने पर रखा और सवाल ​किया कि उन्होंने दिल्ली की जनता के लिए क्या काम किए किए हैं, खासकर कोरोना महामारी के दौरान.

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी AAP पर जुबानी हमला करते हुए उसे BJP की B टीम बताया, जो एक आकस्मिक टिप्पणी की जगह सोची समझी रणनीति प्रतीत होती है. कांग्रेस नेताओं खासकर प्रियंका और राहुल गांधी द्वारा आम आदमी पार्टी पर तीखे शाब्दिक प्रहार की शुरुआत पंजाब चुनाव के बारे में आंतरिक सर्वेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद हुई है.

राहुल गांधी ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी की संभावनाओं के बारे में जानकारी हासिल की थी. पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने राहुल गांधी को बताया कि आम आदमी पार्टी इस बार काफी मजबूत दावेदारी पेश कर रही है.

हालांकि, तब सुनील जाखड़ की बात को कांग्रेस द्वारा बहुत गंभीरता ने नहीं लिया गया. लेकिन पार्टी की ओर से पंजाब चुनाव को लेकर कराए गए आंतरिक मूल्यांकन में जो बात निकलकर सामने आई है, उसने कांग्रेस नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है. राज्य में बदलाव की आवाज तेज और मुखर है. चन्नी के नेतृत्व में कांग्रेस पंजाब की जनता को यह संदेश देना चाहती है कि यह एक नई पार्टी है, कैप्टन अमरिंदर सिंह वाली कांग्रेस से बिल्कुल जुदा है.

इंडियन युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी इन दिनों पंजाब में डेरा डाले हुए हैं. उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह अपनी टीम के जरिए पंजाब के लोगों तक यह बात जोर-शोर से पहुंचाएं कि कोरोना की जानलेवा दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में यदि किसी ने जनता की मदद की तो वह कांग्रेस पार्टी थी न कि आम आदमी पार्टी. राहुल गांधी ने भी जालंधर में अपनी जनसभा के दौरान इस मुद्दे का जिक्र किया था.

इसके अलावा दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित भी चंडीगढ़ में मौजूद हैं और आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं. वह समाचार चैनलों पर पंजाब चुनाव को लेकर लगातार इंटरव्यू दे रहे हैं और कांग्रेस पार्टी का पक्ष रख रहे हैं. आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में वापसी करने वाली अल्का लांबा को भी पंजाब में चुनाव प्रचार के लिए भेजा गया है.

कांग्रेस ने पंजाब चुनाव के लिए अपनी रणनीति में परिवर्तन करते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को ”आम आदमी का मुख्यमंत्री” बताना शुरू किया है. इसके सपोर्ट में चुनावी नारे गढ़े गए हैं, सीएम चन्नी के लोगों के साथ ताश के पत्ते फेंटने से लेकर सड़क किनारे किसी छोटे ढाबे में ट्रक ड्राइवर्स के साथ भोजन करने और अपनी सुरक्षा छोड़कर भीड़ के बीच पहुंच जाने का वीडियो वायरल किया जा रहा है. कांग्रेस मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को ”आम आदमी” के रूप में पेश कर रही है, जिसके लिए पंजाब को वोट करना चाहिए.

लेकिन एक ऐसा राज्य जिसने बीते 5 साल में चुनावी वादों को असफल होते देखा है, सड़कों पर कुछ लोगों ने कहा, “हमने सब देख लिया है, अब हमें बदलाव की जरूरत है. हमें किसी और की जरूरत है.” रूपनगर के एक किसान ने कहा, “चन्नी अलग है. शायद वह बदलाव ला सकता है.” दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल अपनी जनसभाओं में AAP को एक ऐसी पार्टी के रूप में पेश कर रहे हैं जो पंजाब में बदलाव ला सकती है. चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में कांग्रेस पंजाब में इलेक्शन नरेटिव बदलने की भरसक कोशिश कर रही है.(साभार न्यूज़18)

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