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अभी हम जिंदा हैं… दुनिया के सामने आया मुल्ला अब्दुल गनी बरादर

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काबुल: तालिबान का सबसे चर्चित चेहरा मुल्ला अब्दुल गनी बरादर लगभग साल भर बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखा है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और कार्यवाहक सरकार के गठन के बाद मुल्ला बरादर अचानक गायब हो गया था। बरादर को तालिबान सरकार में उप प्रधानमंत्री का पद दिया गया था। तालिबान की सत्ता में वापसी से पहले मुल्ला बरादर ही तालिबान का सबसे चर्चित नेता था। उसी ने अमेरिका, पाकिस्तान और दूसरे देशों के साथ तालिबान की वार्ता का नेतृत्व किया था। मुल्ला बरादर को काबुल में विदेशी राजनयिकों के साथ TAPI परियोजना पर चर्चा करते हुए देखा गया। TAPI परियोजना का पूरा नाम तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-इंडिया पाइपलाइन है, जिसके जरिए तुर्कमेनिस्तान से भारत तक गैस की सप्लाई होनी है।

मुल्ला बरादर ने तापी परियोजना पर बैठक की
अफगान मीडिया टोलो न्यूज के अनुसार, दूसरे उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने TAPI पाइपलाइन कंपनी लिमिटेड (TPCL) के सीईओ, मुहम्मतमिरत अमानोव और अफगानिस्तान में तुर्कमेनिस्तान के राजदूत होजा ओवेज़ोव के साथ एक बैठक की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की मौजूदा परिस्थितियां तापी परियोजना के अनुकूल हैं। इससे इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए उचित अवसर पैदा किया है।

बरादर बोला- हम तापी परियोजना के लिए तैयार
मुल्ला बरादर के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात तापी परियोजना शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और इस क्षेत्र में किसी भी तरह के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। तालिबान सरकार के खान और पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि तापी परियोजना का निर्माण अक्टूबर 2022 तक शुरू हो जाएगा। मंत्रालय के प्रवक्ता एस्मातुल्लाह बुरहान ने कहा कि बैठकें हो चुकी हैं। हम अक्टूबर के मध्य या अंत में काम शुरू कर सकते हैं।

अगले महीने तुर्मेनिस्तान जाएगी तालिबान की टीम
तालिबान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक तकनीकी टीम देश के अधिकारियों के साथ TAPI परियोजना पर चर्चा करने के लिए तुर्कमेनिस्तान की यात्रा करेगी। तालिबानी विदेश मंत्रालय के अधिकारी शफाय आजम ने कहा कि एक तकनीकी टीम आने वाले महीने में तुर्कमेनिस्तान की यात्रा करेगी और तापी परियोजना पर चर्चा करेगी, जैसे कि इसे उद्योगों और निवासियों को कैसे वितरित किया जाए और इससे बिजली का उत्पादन कैसे किया जाए। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का पहला चरण हेरात में शुरू किया जाएगा।(साभार एन बी टी)

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